Instagram Emotional Shayari
सकून मिला करता था
जिसकी आवाज़ से मुझे😰
आज उसके अल्फ़ाज़ों ने
😭मुझे अंदर से मार दिया
दिल तोड़ने के लिएजरुरत नहीं पत्थरों कीदिल तो अक्सर टूटते हैंलफ़्ज़ों की चोट से 😥
एक खवाहिश थी के
ज़िन्दगी तेरे साथ गुजरे
एक खवाहिश है तुमसे
अब उम्र भर सामना न हो
या रब ख्याल ऐ यार से
😭तुन मुझको पनाह दे
मैं तुझको भूल जाता हूँ
उसके ख्याल में 😥
मेरी चाहतों की शाम
हसीन हो जाये
मैं तुम्हे मांगू और हर तरफ से
अमीन हो जाये
ये दुनिया गम तो देती है
😯शरीक ऐ गम ही लेकिन
किसी के दूर जाने से 💔
मोहब्बत काम नहीं होती
तुझे रोज़ देखु करीब से
मेरे शोख भी हैं बड़े अजीब से
मैं बहुत ही खुश हूँ जोड़ कर
नसीब अपने तेरे नसीब से
एक आदत सी हो गयी मुझे
तुम्हे हर पल याद करने की
तेरे प्यार से है ज़िन्दगी में रौनक
इस लिए अपनी नहीं
तेरी ज़िन्दगी की दुआ करते हैं
क्या कशिश थी उसकी आँखों में
मुझसे मेरा दिल लड़ पड़ा
मुझे सिर्फ वही चाहिए
तेरी एक झलक पाने के लिए
खुश किस्मत है वो लोग
जो तुझे रोज देखते हैं
तू लाख बेवफा है
मगर सर उठा के चल
दिल रो पड़ेगा तुझे
पशेमान देख कर
तेरी मासूम निगाहों के
तक़द्दुस की कसम 💝
दिल ने क्या रूह ने भी
सिर्फ तुझे ही चाहा है
आज गुजरे 💔जो तेरे शहर से
तो बहुत रोना आया😭
कुछ भी तो नहीं बदला
😥वहां एक तेरे सिवा
हमें पता है के तुम कहीं
और के मुसाफिर हो
हमारा शहर तो
यूँ ही रास्ते में आया था
इतनी हिम्मत नहीं के 💚
हाल ऐ दिल सुना सकूँ अपना
❤जिसके लिए उदास हूँ वो
महसूस कर ले तो काफी है
दिल करता है
तुझे जी भर के देखूं
मगर मसला ये है
जी भरेगा कब
बदनाम करते हैं लोग
जिस के नाम से हमें
कसम खुदा की उसको
जी भर के देखा भी नहीं मैंने
कभी पढ़ तो सही मेरी आँखों को
यहाँ दरिया बहता है मेरी मोहब्बत का
वक़्त मिले तो कभी कदम रखना
मेरे दिल के आंगन में जाना
हैरान रह जाओगे मेरे दिल में
अपना मुकाम देख कर
चूम कर उसने मेरे
कफ़न को क्या खूब कहा
नया कपडा क्या पहन लिया
अब देखते भी नहीं
उससे कहना मेरी सजा में
थोड़ी कमी कर दे जाना
आदि मुजरिम नहीं हूँ
गलती से इश्क़ हुआ था
मेरी उदासियाँ तुम्हे कैसे नज़र आएंगी
तुम्हे देख कर तो मैं मुस्कुराने लगता हूँ
वो मेरे दिल का
पसंदीदा शख्स है
उसके जीकर पर तो
रूह भी मुस्कुराती है
बात ये नहीं के तेरे बिन जी सकते
बात ये है के तेरे बिना जीना नहीं चाहते
इस तरह याद आकर
बेचैन न किया करो
एक ही सजा काफी है
के पास नहीं हो तुम
माना के तुमसे दूरियां बढ़ गयी
मगर तुम्हारे हिस्से का वक़्त
आज भी तनहा गुजरते हैं
तुझे किसने कहा अनजान बन के आया कर
मेरे दिल के आईने में मेहमान बन के आया कर
इक तुझे ही तो बख्शी है दिल हकूमत जाना
ये तेरी सल्तनत है तू सुल्तान बन के आया कर
सारी खुशियां मिला के देखि हैं
सारी खुशियां मिला के देखि हैं
तेरे जाने का गम ज्यादा है
तुम मिल सको तो मिल लेना
कुछ कह सको तो कह लेना
मैं जी नहीं पाया जुदा होके तुमसे
तुम जी सको तो जी लेना
हमें नहीं कबूल किसी
ओर से तेरा तालुक जाना
नफरत भी कीजिये तो
सिर्फ हमसे कीजिये
हमें शोक है
तुमसे गुफ्तगू का
वरना वक़्त तो हम
खुद को भी नहीं देते
तुम खुशनसीबी हो मेरी
मेरे सर का ताज हो तुम
तुम्हारा मुक़ाम
सबसे अलग है मेरे लिए
तुम ढूंढ़ते फिरोगे उजड़े रिश्तों में
वफ़ा के खजाने दोस्त
तुम मेरे बाद मेरे हम
नामो का भी एहतराम करोगे
मेरी जिंदगी के राज में एक राज तुम भी हो
मेरी बंदगी की आस में एक आस तुम भी हो
तुम क्या हो मेरे कुछ हो या कुछ भी नहीं मगर
मेरी ज़िन्दगी के काश में एक काश तुम भी हो
हकीकत में हकीकत है
हकीकत को खुदा जाने
मेरे दिल में मोहब्बत है
तेरे दिल की खुदा जाने
दिल लगी होती तो भूल जाते तुमको
इश्क़ हुआ है नस नस में बेस हो तुम
कभी आओ तो दस्तक दो मेरे दिल पर
मोहब्बत पहले से काम हो तो शिकायत करना
मेरे दिल में उतर सको तो जाना लो
कितना मुश्किल है किसी से खामोश मोहब्बत करना
शुक्र करो की "हमने".."आपसे".."मुलाकात" नहीं की....💞💞 नहीं तो आपकी "नजरों" को ही.."आपके".."खिलाफ" कर देते....💞💞
किस जगह रख दूँ मैं तेरी याद के चराग़ को कि रोशन भी रहूँ और हथेली भी ना जले।..
तू मेरे गुनाहों का हिसाब मत लगाना, किताब तुम्हारी भी ज्यादा साफ नही है,,,
💖🎈मुझे तेरे ख्वाबों से प्यार इतना हैं,😍 की खुदको उनके लिए निसार करदू करू बस तुझसे मैं मोहब्बत इतनी❤️ और अपना ये साल तेरे नाम करदू🕺💐 ||
सोच रहा हूँ कि दारू छोड़ दूँ। ..... पर ????? किसके पास छोड़ू। ... सभी दोस्त तो कमीने है मेरे। New year के पहले ही पी जायेंगे।
बदले नहीं हे हम बस जान गए हे दुनिया को न इश्क़ न गम देखो कितने खुश हे हम सिर्फ पापा का प्यार सच्चा होता है पापा की परियों का नहीं
मेरी कोई बुरी आदत नहीं है बस गुस्सा कण्ट्रोल नहीं होता हम अपनी औकात जानते है कहो तो आपकी याद दिला du
मेरी बदमाशी का अंदाज़ा तुम इस चीज़ से लागलो जब में शरीफ था तब भी लोग मुझे बदमाश कह कर बुलाते थे
तेरा घमंड ही तुझे हराएगा मैं क्या हूँ ये तुझे वक़्त बताएगा अभी उड़ने दो इन कबूतरों को जब हम आएंगे आसमान खुद ही खाली हो जायेगा
मेरे जीने का तरीक़ा ज़माने से अलग है मैं इशारों पे नहीं ज़िद पर जीता हूँ
में चुप हूँ कुछ वजह है जिस दिन बरस जाऊंगा उस दिन तरस भी नहीं खाऊंगा
#मेरे_दुश्मन 👿मेरी_खुशियों 😊 को देख# नहीं_सकते, 👀 लेकिन #वो_लोग 👫 #मेरा 👦 कुछ #उखाड़ 😎 भी #नहीं_सकते ।।
#पगली👸🏻 तुझ से👆🏼 #महोब्बत 💏थी इस लिए 💁🏻♂तुझे #सर_आँखों 😍पर #बिठा 🤦🏻♂रखा था 😏 वरना✋🏻 तु #बहोत_ख़ूबसूरत🧝🏻♀ हे उफ़्फ़ इस👎 #भ्रम मे😂 तो मत 🙅🏻♂ही रहना 😎
✍#दुसरो_पे??#_जलने_वाले??☝#_हम_नहीँ. #और_हम_😍#पे_जलने_वाले_💥#लोग_कम_☝नहीँ..
😎: जैसे☝#sher ?? की #आहट 👣 #जंगल_हिला 🌳 देती है, 🔥 #वैसे 😎 ही हमारी #entry 📝#लोगों 👥 की #औकात दिखा देती है
#सपने 😍 हमेशा #बड़े_देखो, 😎 #सोच 😌 तो लोगों 👫 की छोटी! 👌 #है_ही
ज़िद्दी हु गुस्से वाला हु बद्तमीज़ हु बेपरवाह भी हु लेकिन मेने कभी किसी को धोखा नहीं दिया
कुछ देर की खामोशी है फिर कानो मैं शोर आएगा , तुम्हरा तोह सिर्फ वक़्त है हमारा दौर आएगा
लोगो से डरना छोड़ दो इज़्ज़त खुदा देता है लोग नहीं
अपने दिल में मेरे लिए नफरत रखने वालो बताओ क्या उखड लोगे
फ़र्क़ बहुत हे तेरे और मेरे में , तुमने उस्तादों से सीखा है , मैंने हलातो से सीखा है
मेरा तो एक ही उसूल है प्यार हद से ज्यादा और नफ़रत उससे भी ज्यादा
जिगर बड़ा था इसलिए टकराने आ गए , जो हमे नहीं जानते उन्हे भी तोह पता चले के जंगल में शेर पुराने आ गए
सीने में जिगर रखना पड़ता है छोटे हाथ में घोडा रखने से हर कोई बस्ती का रघु नहीं बन जाता
दुनिया का उसूल है जब तक काम है तेरा नाम है वरना दूर से सलाम है
औकात की बात मत कर ऐ दोस्त तेरी बंदूक से ज़ादा लोग हमारे नाम से डरते है
हमसे उलझने से पहले हमारा इतिहास जान लो सीधा चेहरा इतिहास गहरा
शायद कुछ लोग भूल गए है अपनी औक़ात लगता है फिर मैदान में आना पड़ेगा
फर्क तोह अपनी अपनी सोच मै है जनाब वरना दोस्ती भी मोहब्बत सेह कम नहीं होती
जो गया उसे जाने दो प्यार ही तो था कहीं और से आने दो
जो मेरा होता है उस पर किसी का हक़ तो क्या नज़र तक बर्दाश्त नहीं करती मै
औकात की बात न करो अगर दिखा दी मेने तो वजूद मिट जायेगा तुम्हारा
हमको तोह सब ही पसंद करते है, अब क्या सबके हो जाए हम
जैसे तुम सोचते हो वैसे हम है नहीं और जैसे हम है वैसा तुम सोच भी नहीं सकते
सुन बे खजूर वक़्त की बात है आज तेरा है कल मेरा होगा और जब मेरा होगा तोह सोच तेरा क्या होगा
खामोश ही रहने दो मुझे यकीन मनो में जवाब बहुत बुरा देता हु
तुम सिर्फ मेरे हो अब इससे प्यार समझो या क़ब्ज़ा
हाँ मै बदल गयी हूँ अब मै जाने वालो को रास्ता देती हूँ वास्ता नहीं!!
आज कर लिया खुदसे ये वादा नहीं चाहेंगे किसीको उस्सकी औक़ात सी ज़्यादा.
इरादे मेरे हमेशा साफ़ होते हैं.. इसलिये कई लोग मेरे खिलाफ होते हैं..
आँख से गिरे आसू और नज़रो से गिरे लोग.. कभी नहीं उठा करते..
कर लो नजर अंदाज अपने हिसाब से.. जब हम करेगे तो बेहिसाब करेगे..!
जो उड़ने का शोंक रखते है, वो गिरने का खौफ नहीं रखते..
किनारा न मिले तो कोई बात नहीं दुसरो को डुबाके मुझे तैरना नहीं है |
फैसले सबके होंगे हुज़ूर , बस ज़रा सही वक्त तो आने दीजिये
रिश्ते उन्ही से बनाओ, जो निभाने की ओकात रखते हो..
मेरे होने का असर तुम पर ..मेरे ना होने के बाद दिखेगा ..!!
अब मैं जब भी आऊंगी बस याद ही आऊंगी...!!
कौन कब किसका और कितना अपना है ..यह सिर्फ वक़्त बताता है
sad shayari hindi
1
ऐ हुसन वाली ये दिल क्यों जोड़ा ये तीर क्यों छोड़ा नज़र की कमान से मैं तो मर जाऊंगा तेरी इक मुस्कान से
2नज़रों का शर्माना भी एक अदब और नज़रों से सब कह जाना भी गजब है
3सोने जा रहा हूँ मैं , तुझे ख्वाब में देखने की हसरत लेकरदुआ करना कोई जगा न दे मुझेतेरे दीदार से पहले
4जिस तरह संभल कर रखते है पत्ते शबनम की बूँद को उससे ज्यादा महफूज़ और ख़ास रखना चाहते है हम अपनी महबूब को
5आदत बदल सी गयी वक़्त काटने की अब हिम्मत नहीं होती अपना दर्द बाटने की
ऐ हुसन वाली ये दिल क्यों जोड़ाये तीर क्यों छोड़ा नज़र की कमान सेमैं तो मर जाऊंगा तेरी इक मुस्कान से
नज़रों का शर्माना भी एक अदब औरनज़रों से सब कह जाना भी गजब है
सोने जा रहा हूँ मैं , तुझे ख्वाब मेंदेखने की हसरत लेकरदुआ करना कोई जगा न दे मुझेतेरे दीदार से पहले
जिस तरह संभल कर रखते है पत्तेशबनम की बूँद कोउससे ज्यादा महफूज़ और ख़ासरखना चाहते है हम अपनीमहबूब को
आदत बदल सी गयीवक़्त काटने कीअब हिम्मत नहीं होतीअपना दर्द बाटने की
यकीन नहीं तुझे अगर तो आज़मा के देख ले, एक बार तू जरा मुस्कुरा के देख ले, जो ना सोचा होगा तूने वो मिलेगा तुझको भी, एक बार आपने कदमबढ़ा के देख ले
हमारे जीने का अलग अंदाज़ है एक आंख में आंसू और दूसरे में ख़्वाब है
अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से प्यार करते हो
सख़्त रातों में आसान सफ़र लगता है यह मेरी मां की दुआओं का असर लगता है
दुश्वार काम था ग़म को समेटना मैं ख़ुद को बांधने में कई बार खुल गया
तजुर्बा कहता है मोब्बत से किनारा कर लूं दिल कहता है कि ये तजुर्बा दोबारा कर लूं
ख़ामोशी इकरार से कम नहीं होती सादगी भी सिंगार से कम नहीं होती ये तो अपना अपना नज़रिया है मेरे दोस्त वर्ना दोस्ती भी प्यार से कम नहीं होती
वो भी रो देगा उसे हाल सुनाएं कैसे मोम का घर है चराग़ों को जलाएं कैसे
यूं तो हमने घूम लिया सारा जहां लेकिन तेरी गली की बात ही कुछ और है
हमदर्दी न करो मुझसे ऐ मेरे हमदर्द दोस्तों वो भी बड़ा हमदर्द था जो दर्द हजारों दे गया
मीठी मीठी यादे पलकों पे सजा लेना एक साथ गुज़ारे पल को दिल में बसा लेना नज़र ना आऊं हकीकत में अगर मुस्कुरा कर मुझे सपनो में बुला लेना ।
एक खून के रंग ने रंग नहीं बदला वर्ना सारे रिश्ते जहां के बेरंग हो गए
पहली मोहब्बत के लिए दिल जिसे चुनता है वो अपना हो न हो…दिल पर राज हमेशा उसी का रहता है
खड़े-खड़े साहिल पर हमने शाम कर दी, अपना दिल और जान आप के नाम कर दी, ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी, बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी नीलाम कर दी
ठंड की रात भी दुशाला ओढ़ रही थी चांदनी का कुहरे के साए में ये चांद की मोहब्बत थी जो पाकीज़ा बनकर धरती पर उतरी थी
कमाल की चीज है ये मोहब्बत अधूरी हो सकती है, पर कभी खत्म नही हो सकती
यूं तो फरिश्तों ने भी एक फ़रिश्ते का साथ छोड़ दिया अजीब इतेफाक था उसको भी किसी से ‘इश्क़’ हुआ था।
राह में संग चलूँ ये न गँवारा उसको, दूर रहकर वो करता है इशारे बहुत, नाम तेरा कभी आने न दिया होंठों पर, यूँ तेरे जिक्र से शेर सँवारे हैं बहुत।
सपने से एक दिन बाहर आयेगी वो.. तेरी नींद चैन सब चुरा जायेगी वो.. संभालकर रखना अपना दिल ये दोस्त.. वरना ये भी कभी अपना बना जायेगी वो
कहतें हैं कि मोहबत एक बार होती है, पर मैं जब जब उसे देखती हूं, मुझे हर बार होती है
सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है, उधर ही ले चलो कश्ती जहां तूफान आया है
सुकून मिलता हैं जब उनसे बात होती है, हजार रातों में वो एक रात होती है, निगाह उठाकर जब देखते हैं वो मेरी तरफ मेरे लिये वही पल पूरी कायनात होती है..
गुलाब के फूल को हम कमल बना देते, आपकी एक अदा पर कई गजल बना देते, आप ही हम पर मरती नहीं वरना आपके घर के सामने ताजमहल बना देते।
कभी हसा देते हो, कभी रूला देते हो, कभी कभी नींद से जगा देते हो,
अब जानेमन तू तो नहीं, शिकवा -ए-गम किससे कहें या चुप हें या रो पड़ें, किस्सा-ए-गम किससे कहें
मगर जब भी दिल से याद करते हो, कसम से ज़िदगी का एक पल बढ़ा देते हो.
इस बेनाम से रिश्ते को निभा जाओ किसी दिन, जो मिल जाये फुरसत तो पास आओ किसी दिन, मिलता है सभी को सब कुछ ये सुना है, मुझे तो फ़कत तुम ही मिला जाओ किसी दिन.
ऐसा कुछ कर कि तेरी आँखों में खो जाऊं, ऐसा कुछ कर कि तेरी बाहों में से जाऊं कर अपनी मोहब्बत का जादू कुछ ऐसा कि में सब भुला कर तेरी हो जाऊं..
जब ख़ामोस आँखों से बात होती है.. ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती है.. तुम्हारे ही ख्यालों में खोया रहते हैं.. पता नहीं कब दिन कब रात होती है..
तुझे चाहते हैं बे-इन्तहां, पर चाहना नहीं आता ये कैसी मोहब्बत है, कि हमे कहना नहीं आता. ज़िदगी में आ जाओ हमारी ज़िदगी बन कर.. के तेरे बिन हमें ज़िदा रहना नहीं आता..
मेरी सुबह तुम बन के आते हो, सूरज की तुम रोशनी बन के आते हो, होता है एक प्यारा सा एहसास लगता है जैसे मेरी खुशी तुम बन के आते हो..
बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो मजबूरियों को मत कोसो हर हाल में चलना सीखो
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