50+ Heart-Touching Muharram Shayari in Hindi – भावुक और प्रेरणादायक शेरो-शायरी

मोह़र्रम इस्लाम धर्म में एक बेहद महत्वपूर्ण महीना है, जिसे इमाम हुसैन (अ.स.) और उनके साथियों की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। करबला की जंग में सच्चाई, इंसाफ और ईमान की मिसाल कायम करने वाले हज़रत इमाम हुसैन की शहादत ने पूरी दुनिया को इंसानियत का सबक दिया। इस पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आए हैं "Muharram Shayari in Hindi" का एक ख़ास संग्रह, जो इमाम हुसैन की कुर्बानी, करबला की कहानी और मोह़र्रम के जज़्बात को बयां करता है।

Muharram Shayari in Hindi, Imam Hussain Shayari in Hindi



1. Muharram Status in Hindi

  1. मोह़र्रम का चाँद है, दिल में ग़म की रवानी है,
    करबला की सरज़मीं पर हुसैन की कहानी है।

  2. ग़म-ए-हुसैन में डूबा है हर एक दिल,
    आँसूओं में छुपी है मोह़र्रम की मंज़िल।

  3. जो हुसैन से मोहब्बत रखता है दिल में,
    वो इंसानियत का पैग़ाम रखता है दिल में।

  4. हक़ की राह पर जिसने जान लुटा दी,
    वो हुसैन हैं, जिनकी मिसाल न दी गई।

  5. हर लब पर है बस एक ही पुकार,
    या हुसैन… या हुसैन बार-बार।

  6. मोह़र्रम का पैग़ाम है सच्चाई,
    ज़ुल्म के आगे न झुकना, यही है भलाई।

  7. आँसू बहते हैं करबला की याद में,
    इमाम की कुर्बानी है हर फरियाद में।

  8. मोह़र्रम हमें सब्र का सबक देता है,
    और हर ज़ुल्म के आगे ना कहता है।

  9. हुसैन की मोहब्बत दिल में बसा लो,
    ज़िंदगी को इंसाफ से सजा लो।

  10. हर साल मोह़र्रम हमें याद दिलाता है,
    कि हक़ के लिए जान देना सिखाता है।


2. Ya Hussain Shayari in Hindi

  1. या हुसैन… तेरे नाम में है इबादत,
    तेरी राह में है सच्ची मोहब्बत।

  2. करबला की रेत पर तेरा लहू बिखर गया,
    लेकिन तेरा नाम हर दिल में उतर गया।

  3. या हुसैन… तेरी याद में है सुकून,
    तेरी राह में है ईमान का जूनून।

  4. तूने हक़ के लिए जान कुर्बान कर दी,
    इंसानियत को नई पहचान कर दी।

  5. या हुसैन… तेरा नाम अदाओं में है,
    तेरी कुर्बानी हर दुआओं में है।

  6. करबला के वीर, तेरी मिसाल न पाए,
    तूने ज़ुल्म के सामने सर न झुकाए।

  7. या हुसैन… तेरी शहादत अमर है,
    तेरी राह में हर कदम बेख़बर है।

  8. तेरे नाम से शुरू होती है मोहब्बत,
    तेरे नाम पर खत्म होती है इबादत।

  9. या हुसैन… तू है दिल का सुकून,
    तेरे नाम से महकता है हर जूनून।

  10. करबला की मिट्टी में तेरा लहू मिला,
    तेरे नाम से ही दुनिया खिला।


3. Muharram Poetry in Hindi

  1. मोह़र्रम का महीना ग़मगीन है,
    करबला की याद में हर दिल हसीन है।

  2. आँसू हैं, मातम है, और सन्नाटा है,
    दिल में हुसैन का पैग़ाम समाया है।

  3. मोह़र्रम हमें सिखाता है सब्र और वफ़ा,
    हक़ की राह पर चलने का असल सफ़ा।

  4. करबला की रेत आज भी गवाही देती है,
    हुसैन की कुर्बानी सबको सीख देती है।

  5. मोह़र्रम में दिल रोता है चुपके से,
    हुसैन की याद आती है रुख्सत के लम्हे से।

  6. इंसाफ का पैग़ाम है मोह़र्रम का त्यौहार,
    सच्चाई का ही होता है यहाँ सत्कार।

  7. मोह़र्रम की रातें इबादत में गुजरती हैं,
    करबला की यादें दिल में उतरती हैं।

  8. मोह़र्रम है हक़ का आईना,
    जो दिखाता है सच्चाई का ज़ीना।

  9. ग़म-ए-हुसैन में डूबे हैं आँसू,
    मोह़र्रम है सब्र का जादू।

  10. मोह़र्रम का हर लम्हा है पवित्र,
    करबला की याद से दिल है सुगंधित।

4. Imam Hussain Shayari in Hindi

  1. लहू से लिखी है इबारत वफ़ा की,
    जो मिसाल बन गई है वफ़ा की।
    इमाम हुसैन की कुर्बानी है वो,
    जो हिफाज़त है हर दुआ की।

  2. सच के रास्ते पर डटे रहे वो,
    ज़ुल्म के सामने कभी न झुके वो।
    इमाम हुसैन की शान है ये,
    कि मौत को गले लगा चुके वो।

  3. हर दिल में बसती है उनकी याद,
    जिनके किरदार पे है फ़ख़्र हर बाद।
    इमाम हुसैन की कुर्बानी अमर है,
    जो देता है इंसानियत को उफ़क़ का इरशाद।

  4. वफ़ा की मिसाल हैं इमाम हुसैन,
    जो रह गए सच्चाई के चैन।
    करबला की रेत भी गवाह है उनकी,
    जिनसे रोशन है ईमान का दैन।

  5. न सोने का ताज, न किसी का डर,
    सिर्फ़ अल्लाह की राह का सफ़र।
    इमाम हुसैन का नाम है वो,
    जो बन गया है इमां का हुनर।

  6. लहू बहाकर भी मुस्कुराते रहे,
    ज़ुल्म के सामने सच्चाई गाते रहे।
    इमाम हुसैन का पैग़ाम है यही,
    कि सच्चे रहो, चाहे हालात सताते रहे।

  7. जिसको दुनिया भुला न पाई,
    वो सच्चाई का पैग़ाम लाए।
    इमाम हुसैन की कुर्बानी है वो,
    जो हर दिल में आज भी बस जाए।

  8. मौत से डरना उनकी फितरत न थी,
    सच्चाई छोड़ना उनकी आदत न थी।
    इमाम हुसैन की शान है ऐसी,
    जो हर ईमान वाले की रहमत थी।

  9. करबला की रेत कहती है ये बात,
    सच्चाई है सबसे बड़ी सौगात।
    इमाम हुसैन का नाम है वो,
    जो बन गया है रहमत की बरसात।

  10. झुकना सिर्फ़ अल्लाह के आगे,
    बाक़ी सब राहें हैं धुंधले धागे।
    इमाम हुसैन ने सिखाया हमें,
    कि हक़ पर रहो, चाहे दुनिया भागे।

5. Muharram Quotes in Hindi

  1. "मोहब्बत की राह पर चलने वालों का नाम है हुसैन, इंसानियत के लिए जान देने वालों का नाम है हुसैन।"

  2. "जो इंसानियत के लिए खड़ा हो, वही सच्चा इमाम है – और हुसैन इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।"

  3. "हुसैन सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि इंसाफ और हक़ की आवाज़ हैं।"

  4. "जो अपने खुदा के लिए सब कुर्बान कर दे, वही सच्चा मोमिन कहलाता है।"

  5. "करबला की रेत में दफन है वह हकीकत, जिसे आज भी दुनिया सलाम करती है।"

  6. "हुसैनियत जिंदा है, और हमेशा जिंदा रहेगी, क्योंकि यह सच्चाई की राह है।"

  7. "जिसने अपने खून से इंसाफ की नींव रखी, वह हैं इमाम हुसैन।"

  8. "करबला हमें सिखाती है कि सच्चाई के लिए अकेले भी खड़ा होना पड़े, तो पीछे मत हटो।"

  9. "हुसैन की कुर्बानी सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत के लिए सबक है।"

  10. "हर दिल में है एक करबला, फर्क सिर्फ इतना है कि कौन हुसैन बनता है और कौन यज़ीद।"


Conclusion

मुहर्रम सिर्फ एक तारीख या पर्व नहीं है, बल्कि यह इंसाफ, मोहब्बत और बलिदान की मिसाल है। इमाम हुसैन (र.अ.) ने करबला की धरती पर जो कुर्बानी दी, वह आज भी हर इंसान को सच्चाई के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती है। इन मुहर्रम कोट्स और शायरियों के ज़रिए हम न केवल अपने दिल में मोहब्बत और ईमान को जिंदा रखते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों तक हुसैनियत का पैगाम भी पहुंचाते हैं।


FAQ – Muharram Quotes in Hindi

Q1. मुहर्रम का क्या महत्व है?
मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है और इसे ग़म का महीना माना जाता है। करबला की जंग में इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में यह मनाया जाता है।

Q2. मुहर्रम पर लोग क्या करते हैं?
इस दिन लोग मातम करते हैं, मजलिस में शामिल होते हैं, और करबला की कुर्बानी को याद करते हैं।

Q3. मुहर्रम की शायरी क्यों लोकप्रिय है?
मुहर्रम की शायरी लोगों के दिलों में इमाम हुसैन के बलिदान और इंसाफ के संदेश को पहुंचाने का एक भावुक और असरदार तरीका है।

Q4. मुहर्रम पर कोट्स कहाँ इस्तेमाल कर सकते हैं?
आप इन्हें सोशल मीडिया पोस्ट, स्टेटस, कार्ड, और मजलिस में पढ़ने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

Q5. मुहर्रम का असली संदेश क्या है?
मुहर्रम हमें सिखाता है कि सच्चाई, इंसाफ और ईमान के लिए किसी भी कीमत पर खड़ा होना चाहिए, चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों।