Dosti Shayari
न जाने कौन सी कशिश है
कुछ दोस्तों के लफ्जों में
बात करते हैं तो
दिल ही जीत लेते हैं
जिक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का
हमने खुद को खुश नसीब पाया
तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की
खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया
दोस्ती के रास्ते एक दूसरे के
दिल से निकलते हैं यारो
ये वो अदालत है जहाँ
कोई शिकायत नही होती
किसी ने तन्हाई के आलम
में मुझे सहारा दिया है
न जलो दुनिया वालो खुदा ने
दोस्त ही इतना प्यारा दिया है.
गुण मिलते हैं तो
शादी होती है
अवगुण मिलते हैं तो
दोस्ती हो जाती है
जो दिल को अच्छा लगता है
उसी को दोस्त कहता हूँ
मैं मुनाफा देखकर रिश्तों
की सियासत नहीं करता
मुझे लाखों की जरूरत नहीं
तू करोड़ो मे एक हैं मेरे दोस्त
हम क्या जाने
दुनिया की दुनियादारी
हम तो निभाएंगे दोस्ती
और तुमसे सच्ची यारी
मुहब्बत से बड़ी चाहत क्या होगी
दोस्ती से बड़ी इबादत क्या होगी
जिसे दोस्त मिल जाये आप जैसा
उसे जिंदगी से शिकायत क्या होगी
जहां पर तेरा साथ
सब छोड़ देगे
फिकर मत करना मेरे दोस्त
वहां तुझे खड़े हम मिलेंगे
दोस्ती को दौलत की
निगाह से कभी मत देखो
साथ देने वाले दोस्त
अक्सर गरीब हुआ करते हैं
आपकी दोस्ती की एक नज़र चाहिए
दिल है बेघर उसे एक घर चाहिए
बस यूँ ही साथ चलते रहो ऐ दोस्त
यह दोस्ती हमें उम्र भर चाहिए
आपसे दोस्ती करने
के बाद महसूस हुआ,
कौन कहता है तारे
ज़मीं पर नहीं होते.
लगता है दुआ मेरी
क़ुबूल हो गयी है
तेरे जैसी प्यारी दोस्त
जो मुझे मिल गयी है
हाथ थामा है तो भरोसा भी
रखना ए दोस्त
डूब जाऊंगा तेरी खातिर मगर
तुझे डूबने नही दूंगा
लोग पुछते हैं इतने गम में भी
खुश कैसे हो
मैने कहाँ दुनिया साथ दे या ना
दे मेरा दोस्त मेरे साथ है
प्यार से सारा आसमान माग लो
रुठ कर होंतून की मुस्कान माग लो
तमन्ना है कि दोस्ती कभी मत तोडना
चाहे हंसकर हमारी जान माग लो
तुम मेरे साथ हो
या ना हो पर तुम्हारी
यादें तो हमेशा इस दिल में
रहेंगी मेरे दोस्त.
छोटी सी जिंदगी में
कई दोस्त ऐसे मिल गए
कुछ दिल में उतर गए
तो कुछ दिल से उतर गए
चेहरे की मुस्कान तुमसे मिलती हैं
दर्द में राहत तुमसे मिलती हैं
रुठना कभी मत ये दोस्त हमें तो
जीने कि चाहत तुमसे मिलती हैं
मांगी खुशियां तो जिंदगी दे दी
अंधेरों ने भी हमें रोशनी दे दी
रब से पूछा मेरे लिए क्या हसीन तोहफा है
जवाब में उसने आपकी दोस्ती दे दी
मोहब्बत को धोखा
दोस्ती को प्यार मानता हूं
जो भी प्यार से बोल दे,
उसे जिगरी यार मानता हूं
पानी में तस्वीर कहां बनती है.
ख्वाबों में तक़दीर कहां बनती है.
एक ही जिंदगी है खुल कर जिओ यारो
ये जिंदगी दोबारा कहां मिलती है.
खुद पर भरोसा है तो खुदा साथ है
अपनों पर भरोसा है तो दुआ साथ है
जिंदगी से हारना मत मेरे दोस्त
जमाना हो ना हो यह दोस्त तेरे साथ है
जिनकी दोस्ती सच्ची है
वो कब फरियाद करते हैं
जुबान खामोश होती है मगर
दिल से याद करते हैं
लोग पूछते हैं इतने गम
में भी खुश क्यूं हो,
मैंने कहा दुनिया साथ
दे ना दे मेरे दोस्त तो साथ हैं
यादों के भंवर में एक पल हमारा हो
खिलते चमन में एक गुल हमारा हो
जब याद करें आप अपने दोस्तों को
उन नामों में बस एक नाम हमारा हो
कुछ दोस्त खज़ाने की
तरह होते है
दिल करता है सालो को
ज़मीन में गाड़ दूँ
सच्ची दोस्ती का रिश्ता
कुछ ऐसा होता है
दोस्त चाहे कमीना हो
फिर भी सच्चा होता है
रिश्तो की डोर कमजोर होती है
आंखों की बातें दिल की चोर होती है
खुदा ने जब भी पूछा दोस्ती का मतलब
हमारे उंगली आपकी तरफ होती है
छू ना सकूं आसमान
तो न सही दोस्तों, बस
आपके दिल को छू जाऊं
बस इतनी सी तमन्ना है
आँखे कुछ नमी तो रहेगी
ज़िन्दगी को हम कितना भी
सवांर लें,आप जैसे दोस्त की
हमेंशा कमी तो रहेगी
होठों पे मुस्कान थी
कंधो पे बस्ता था
सुकून के मामले में
वो जमाना सस्ता था
रिश्तो से बड़ी कोई
चाहत नही होती,
दोस्ती से बड़ी कोई
इबादत नही होती
दिन हुआ तो रात भी होगी
हो मत उदास, कभी बात भी होगी
इतने प्यार से दोस्ती की है
जिंदगी रही तो मुलाकात भी होगी
चाय में शक्कर न हो तो
पीने में क्या मजा
और जिंदगी में दोस्त ना
हो तो जीने में क्या मजा
किस्मत वालों को मिलती है
पनाह दोस्तों के दिल में
यूँ ही हर शख्स जन्नत का
हक़दार नहीं होता
जिंदगी में गम कम
ओर चाहत ख़ास रखो
जो तुम्हे समझ सके ऐसा
दोस्त हमेशा पास रखो
मुझ पर दोस्तों का प्यार,
यूँ ही उधार रहने दो,
बड़ा हसीन है ये कर्ज़,
मुझे कर्ज़दार रहने दो
कहीं अंधेरा तो कहीं शाम होगी
मेरी हर खुशी तेरे नाम होगी
कुछ मांग कर तो देख मेरे दोस्त
होंठों पर हंसी हथेली पर जान होगी
भले ही अपने जीगरी
दोस्त कम हैं,
पर जीतने भी है
परमाणु बम हैं
कई लोग कहते हैं दोस्ती प्यार है
कुछ लोग कहते हैं दोस्ती जिंदगी है
हम कहते हैं दोस्ती तो दोस्ती है
इस से बढ़ कर न प्यार है न जिंदगी
यादों के भंवर में एक पल हमारा हो
खिलते चमन में एक गुल हमारा हो
जब याद करें आप अपने दोस्तों को
उन नामों में बस एक नाम हमारा हो
कुछ दोस्त सीधे साधे भी
अच्छे लगते
और कुछ कमीने दोस्त
जान से भी प्यारे होते है
जब दोस्त साथ न हो तो
कुत्ते भी सताते हैं
एक कमीना दोस्त साथ हो
तो शेर भी घबराते हैं
रंग न देखे रूप न देखे
न देखे मज़हब की दीवार
दोस्ती के फूल वहीं खिलते हैं
जहां मिलते हैं यारों के यार
लोग पूछते हैं इतने गम में भी
खुश क्यों हो
मैंने कहा दुनिया साथ दे न दे
मेरा दोस्त तो साथ है
चाय में शक्कर नही
तो पीने में क्या मजा,
और जिंदगी में दोस्त नही
तो जीने में क्या मज़ा
दोस्तों से बिछड़ कर
यह एहसास हुआ है,
बेशक कमीने थे लेकिन
रौनक उन्ही से थी
सच्चे दोस्त कभी औकात
नहीं देखा करते और
साथ निभाने वाले दोस्त
कभी हालात नहीं देखा करते
दोस्ती इक झोका हैं हवा का
दोस्ती एक नाम है व़फा का
ओरो के लिए कुछ भी हो मेरे लिए
दोस्ती हसीन तोफा हैं खुदा का
खुदा ना करे मेरे दोस्त
मुझसे रूठ जाएं हम ऐसे
दोस्त नही जो लोगों की
बातों में आकर टूट जाएं
मुझे पागलो से दोस्ती
करना पसंद है साहब
क्योंकि मुसीबत में कोई
समझदार काम नहीं आता
दिये तो आंधी में भी जला करते हैं
गुलाब तो कांटों में ही खिला करते हैं
खुशनसीब बहुत होती है वो शाम
जिसमे दोस्त आप जैसे मिला करते हैं
तू मुझे भूल जायेगा
तब भी मैं तुझे याद करूंगा,
दोस्त हूं मैं तेरा खुद से पहले
तेरे लिए दुआ करूंगा
आँखो से आंसू क्यों छलक जाते हैं
तन्हाईयों में गम क्यों याद आते हैं
आँसू पोछ कर कोई ये बता दे हमसे
दुर रहने वाले अक्सर क्यों याद आते हैं
तेरी मेरी दोस्ती
एक दूजे से ही पूरी है
जैसे सफर के बिना
तो मंजिल अधूरी है
जब मोहब्बत साथ
छोड़ देती है
तब सच्ची दोस्ती कदम से
कदम मिलाकर चलती हैं
लिफाफे में पड़े वो खत
अब पुराने हो गए
सच्चे दोस्तो से मिले
अब जमाने हो गए
सवाल पानी का नहीं, प्यास का है
अहसास मौत का नहीं, साँस का है
यार तो दुनिया में बहुत है मगर
सवाल दोस्ती का नहीं प्यार का है
दौलत से दोस्त बने
वो सच्ची दोस्ती नहीं
पर सच कहूं तो, दोस्त
जैसी कोई दौलत नहीं
दोस्ती वो नही जो जान देती है
दोस्ती वो नही जो मुस्कान देती है
सच्ची दोस्ती तो वो है जो समुन्दर में
गिरा आसूं भी पहचान लेती है
कुछ लोग कहते हैं कि दोस्ती बराबर
वालों से करनी चाहिए,
लेकिन हम कहते हैं दोस्ती में कोई
बराबरी नहीं करनी चाहिए,
अपने सब यार बहुत अच्छे हैं
दिल के बड़े सच्चे हैं
अकल से थोड़ा कच्चे हैं
दोस्ती निभाने में पक्के हैं
वो खून क्या जिसमे
उबाल ना हो और
वो दोस्ती ही क्या जिसमे
बवाल ना हो
अपने थे जो उन्होने
कुछ यूं बगावत दिखाई
जिनसे मेरी बनी नही
उन्होने उन्ही से यारी निभाई.
न दोस्ती किसी से थी
न किसी से मुझे प्यार था
बुरे वक़्त पे देखा तो न
कोई अपना पास था
कुछ बाते थी फूलों जैसी
कुछ लहजे खुशबु जैसे थे
मैं शहर ए चमन में टहलूं तो
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं
सबसे अलग शौक है
मेरे दुनियावालों से
यार कम रखता हूँ पर
बहुत लाजवाब रखता हूँ
मै नही ये चाहता की
मेरी खबर पूछो दोस्तों,
खुद किस हाल में हो
बस इतना बता दिया करो
तुम्हारे हंसने से खुशी मुझे होती है
तुम्हारे रोने से आंखे मेरी भी रोती हैं
यकीन न हो तो महसूस करके देख लो
एक दोस्त की दोस्ती ऐसी ही होती है
मुझपर दोस्तों का प्यार
यूं ही उधार रहने दो,
बड़ा हसीन है ये कर्ज़, मुझे
कर्ज़दार ही रहने दो
याद करते हैं हम यारों की यारी
तब यादों से दिल भर आता है.
कभी साथ जिया करते थे आज
मिलने को दिल तरस जाता है
तेरी मुस्कुराहट मेरी पहचान है
तेरी खुशी मेरी जान है
कुछ भी नही मैं तेरे बिन के
तेरी दोस्ती ही मेरी शान है
मैं खुशनसीब तो नहीं हूं पर
मेरे दोस्त हवाओ के जैसे है
मैं जब कभी दिए सा जलू तो
बुझाने आ जाते है
छोटी सी जिंदगी में
कुछ दोस्त हमे ऐसे मिल गए
कुछ दिल में उतर गए
तो कुछ दिल से उतर गए
अपनी जिंदगी के
अलग ही असूल है,
यार की खातिर तो
कांटे भी कबूल है
गर जिंदगी में मिले हम कहीं
देखकर नजरें ना झुका लेना
तुझे देखा है यार कहीं ऐसा
कहकर गले से लगा लेना
आपकी हमारी दोस्ती सुरों का साज हैं
आप जैसे दोस्तों पर हमें नाज़ हैं
अब चाहे कुछ भी हो जाए ज़िन्दगी में
दोस्ती वैसे ही रहेगी जैसे आज है,
ताज़ी हवा में फूलो कि महक हो
पहली किरण में चिड़ियो कि चहक हो
जब भी आप अपनी पलकें खोलो
उन पलों में खुशियो कि छलक हो
किसे कहते है दोस्ती ये
मेरे यार ने सिखाया
कोई भी मुश्किल वक़्त
हो साथ वो निभाया
दोस्ती वो एहसास है जो मिलता नहीं
दोस्ती वो पर्वत है जो झुकता नहीं
इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे
दोस्ती वो नगीना है जो बिकता नहीं
तुम दोस्त बनके ऐसे आए
के हम जमाना ही भूल गये
तुम्हें याद आए न आए हमारी
हम तो तुम्हें भुलाना ही भूल गये
दूर हो या पास हो दोस्ती
भुलाई नहीं जाती और जिस
खुशी में दोस्त साथ ना हो
वह खुशी मनाई नहीं जाती
गुनाह करके सजा से डरते हैं,
ज़हर पीकर दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खैफ नहीं हमें
हम दोस्तों के खफा होने से डरते हैं,
ऐ खुदा अपनी अदालत मे
मेरी ज़मानत रखना
मैं रहूँ या ना रहूँ मेरे दोस्तो
को सलामत रखना
हमारे तो दोस्त भी किसी
ताबीज से कम नही लगते
गले लगाते ही सारे
गम खींच लेते हैं
तन्हाई सी थी दुनिया की भीड़ में
सोचा कोई अपना नहीं तकदीर में
एक दिन जब दोस्ती की आपसे तो यूं लगा
कुछ खास था मेरे हाथ की लकीर में
दोस्तों से ही दोस्ती की शान होती है
ना हो दोस्त तो महफिल भी अंजान होती है
दोस्ती से ही जहां है कायम यारों
दोस्ती ही रिश्तों की पहचान होती है
तेरी मेरी दोस्ती इस जहां
का सबसे खूबसूरत रिश्ता है
तू सिर्फ दोस्त नही रब का
भेजा हुआ अनमोल फरिश्ता है
ना जाने कब जिंदगी की शाम आ जाए,
ना जाने कब मौत का पैगाम आ जाए,
ऐ मेरे दोस्त मुझे उस दिन का इंतजार है,
जिस दिन ये ज़िन्दगी तुम्हारे काम आ जाए
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