Murshad Shayari in Hindi मुरशद शायरी हिंदी में

Murshad Shayari in Hindiमुरशद शायरी हिंदी में  मुरशद शायरी, इंस्टाग्राम सोशल मीडिया टिकटोक पर मुरशद शायरी Trend पर चल रहा है।  हमने Murshad Shayari का बहुत बड़ा कलेक्शन किया है, जिसे आप कॉपी कर के इंस्टाग्राम पोस्ट फेसबुक व्हाट्सप्प स्टेटस में लगा सकते हैं।


याद तो आते हो हर रोज़ 
मगर तुझे आवाज़ नहीं देंगे
लिखेंगे तेरे लिए हर शेयर 
मगर तेरा नाम नहीं लेंगे 

 

murshad shayari

हम हर जगह से
ठुकराये गए हैं,
मुर्शिद ! क्या हम भी
जन्नत में जाएंगे ?

अपनी अच्छाई पर
भरोसा रखो मुर्शिद
की जो उसने तुमको खोया है
वो एक दिन जरूर रोयेगा


इशक वो बला है मुरशद 
जिसको छुआ इसने वो जला है 

कहते वो बेवफा न था 
मुरशद 
वो मुझसे अमीर था 

 

murshad shayari in hindi


वो जो कभी हमसे
मोहब्बत करते थे मुर्शद
वो हम पर हँसते है अब

उनके लिए तो मैं
सिर्फ तमाशा था
मुरशद इधर तो हमारी
जिंदगी तबाह हो गई

के मतलब की दुनियाँ थी 
इसलिए छोड़ दिया सबसे मिलना
मुर्शद वर्ना यह उम्र अभी 
तन्हाई के काबिल कहाँ थी

के तू उतना कर ही 
नहीं सकता था मुझे
मुर्शद, जितना खुद 
को बर्बाद किया मैंने

 

murshad shayari in hindi


जब चोट लगती है
दिल पे मुर्शद
अकल तब
ठिकाने आती है

मुर्शद दिल में पैदा 
जिसके लिए प्यार हुआ 
उसी के हाथों से 
दिल पे वार हुआ

काश कोई ऐसा हो जो
गले लगा कर कहे मुर्शीद
रोया ना कर
तेरे रोने से मुझे भी दर्द होता है

मोहब्बत कैद है, इस कैद 
के आदि ना बन जाना
मुरशद सलाखें टूट जाएं 
तो रिहाई मार देती है

 

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खुद से ज्यादा तुम्हारी फ़िक्र करते हैं 
न जाने क्यों तुझपे इतना मरते हैं
हम सच में तुम्हे खो जाने से डरते हैं 


सांवली रंगत उदास आंखें
सादा हुलिया मुरशद
हमसे कोई दिल लगाए 
तो क्यों लगाए 

 गैरों से क्या वफा की 
उम्मीद रखते हैं मुरशद
शाम होते ही मेरा
साया साथ छोड़ जाता है
murshad shayari hindi

जब दिल किसी शख्स
पर ठहर जाए ना, मुरशद
तो जेहन किसी और को
कुबूल करने के काबिल नहीं रहता

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पहले लगता था कि
तुम ही दुनिया हो मुर्शीद
और अब लगता है
कि तुम भी दुनिया हो

उनकी तलाश में हम अपना 
दिल बेचने निकले थे
मुर्शद, खरीददार ऐसा मिला 
दर्द भी दे गया ओर दिल भी ले गया

काँटे तो नसीब में
आने ही थे मुर्शद
फूल जो गुलाब
दिना था ना हमने

 

murshad shayari in hindi

हम समझाते तो
समझाते कैसे मुर्शद
वो कुछ सुनना
ही नहीं चाहते थे

हम क्यों गम करें के 
हमें वो नहीं मिले
मुर्शद गम तो वो करें 
जिन्हें हम नहीं मिले।

मूर्शद दिल जब किसी 
पर आ जाता है 
चैन वैन सब खुद ही 
खुद का खा जाता है

हर किसी से इश्क़
कहाँ होता है मुर्शद
इश्क़ उन्हीं से होता है
जो नसीब में नहै होते

 

murshad shayari hindi

के जिसके लफ़्ज़ों में 
तुम्हें अपना अक्स मिले
मुरशद बहुत मुश्किल है 
तुम्हें ऐसा शक्स मिले

के कहाँ पूरी होती हैं 
दिल की सभी ख्वाहिशें
मुर्शद, बारिश भी हो, 
यार भी हो फिर पास भी हो

वो कहता था मुझे पसंद है 
मुस्कुराहट तेरी हाय मुर्शद,
फिर ले गया छीन कर

 

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मुर्शिद माना कि मौत
बरहक़ है लेकिन
मेरे मरने तक तो जीने दो

मुर्शद वो जब मिला था मुझको 
तो लगता था कभी बिछडेगा नहीं
लेकिन वो तो बिछड़ गया
मैंने बोला ना मुझे लगता था


ऐसा है रिश्ता तेरा मेरा
तू है मुर्शिद
मैं हु मुरीद तेरा

वो कर रहे थे 
तैयारी जाने की
मुर्शद उन्हें रोकना 
हमें भी ठीक ना लगा

 

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वो जब
उनका हाथ छूटा था
यूं लगा
कुछ टुटा था मुर्शद

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कभी रूबरू तक
नहीं हुए थे उनसे मुर्शद
तो बात दिल की
कैसे बताते उन्हें

तुझको मेरी ना 
मुझको तेरी खबर मिली
मुरशद ईद इस बार भी 
दबे पांव गुज़र गयी

 

murshad shayari

 के रात भी गुज़र गयी, मुर्शद
उम्मीद का सूरज डूब गया
वादा करके जाने वाला 
लौट कर आना भूल गया

और क्या तारीफ करे तुम्हारी
क्या इतना ही काफी नहीं है
तुम्हे देख के धड़कने बढ 
जाती है  हमारी और पढ़ें

बात दिल पर
आ बनी थी मुर्शद
और वो दिल
तोड़ना चाहते थे

नफरत के दावे
एक तरफ मुरशद
उसका मेरे नाम
पर मुड़कर देखना गजब था

 

पता नहीं कितना नाराज़ है 
वो मुझसे मुरशद
खवाबों में भी मिलता है 
तो बात नहीं करते 

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मैं पहले जैसा हो जाऊं
मुरशद मगर मुझे
याद तो आए
मैं पहले कैसा था

हमें भी हुई थी
मुर्शद मोहब्बत किसी से
हम भी तड़पे थे
इक शख़्स के लिए

जखम खा खा के हुआ 
ये तजुर्बा हमको मुरशद
दर्द हद से बाद जाये 
तो सकून देता है 

 

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murshad sad shayari

वापसी का इरादा कीजिये
मुर्शद यादों से 
अब गुज़ारा नहीं होता

पढ़ता रहता हूँ आपका 
चेहरा अक्सर
मुर्शद अच्छी लगती है 
यह किताब हमें

के ना चाहते हुए भी इश्क़
दीवाना बना लेता है, मुर्शद
खुदा दिल तो देता है मगर 
धड़कन किसी ओर को बना देता है

खास हैं वो लोग मुरशद 
जो वक़्त आने पर 
वक़्त देते हैं 

 

murshad shayari dosti

हम जैसे बेकार लोग, 
के हम जैसे बेकार लोग
मुर्शद रूठ भी जाएं तो 
कोई मनाने नहीं आता

बाँध सके मुझे
ऐसी कोई बंदिश नहीं, मुर्शिद
पर तेरी बाहों की
बात कुछ और है

मेरे नसीब में मोहब्बत
नहीं लिखी गई मुर्शद
मेरे नसीब में
सिर्फ गम लिखा गया

 

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तूने हमेशा आने में देर कर दी
मुर्शद, मैंने हमेशा अपनी 
घड़ी को खराब समझा

वो कहती है की मैं मर
जाऊं तो गिला ना करना मुर्शद
हम दुबारा फिर मिलेंगे
खुदा की जन्नत में

मूर्शद इस इश्क का भी 
कोई अल्टरनेट होगा 
मिला नहीं आज तक किसी 
को शायद बहुत ऊंचा रेट होगा


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वो मुझे छोड़ कर चला गया मुर्शद
उसे किसीने मजबूर किया होगा

 

ऐ इशक 
जन्नत नसीब न होगी तुझे 
बड़े मासूम लोगों को 
तूने बर्बाद किया है 

 

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मुरशद तुम उस लड़के का
दुख क्या समझोगे
जो बेरोजगार हो और
उसे मोहब्बत ने घेर लिया

के कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
मुर्शद यूँ तो कोई बेवफा नहीं होता

हम जैसे बेकार
लोग मुरशद
रूठ भी जाए तो
कोई मनाने नहीं आता

 

तुम्हे ख्याल नहीं किस 
तरह बताएं तुम्हे मुरशद 
साँस चलती है 
मगर उदास चलती 

 

murshad shayari

सुना है ईद आने वाली है,
यानि सब ख़ुशियाँ मनाएंगे
मुरशद तेरे ठुकराए हुए हम
बताओ ना? किधर जाएंगे

के उनकी थी ना खता हम
 गलत समझ बैठे
मुरशद वो मोहब्बत से बात करते थे
 हम मोहब्बत समझ बैठे

कोई पूछे तो कहता हूँ 
हाँ राब्ते में है  मुरशद 
पर आंखें चीख कर कहती हैं
छोड़ गया है मुझे 
 
murshad wali shayari

आवाज़ नहीं आती खुदा की कसम
मुर्शद गौर तो कीजिये दिल टूट चुका है

दिल को कागज़ समझ रखा है क्या
आते हो जलाते हो चले जाते हो

अरे नहीं मुर्शद बहुत खुश हूँ मैं
आप बस आँखों पे ध्यान ना दीजि

इस्तेखार किया है मैंने 
उसके नाम का मुरशद
वो वफादार जरूर है
मगर किसी और के लिए 


murshad ki shayari

मुर्शद बात इज़्ज़त पे आ गयी थी
मैं मोहब्बतें मुँह पे मार आया

murshad shayari girl

मुर्शद उसने कहा हमें 
मर जाने के लिए  हमने भी कह 
दिया उनको सखी की ईच्छा आदेश है 
दीवाने के लिए और पढ़ें.

हम तो अकेले थे
अकेले हैं मुर्शिद तुमने
छोड़ कर कोई कमाल
थोड़ी ना किया है 

 

murshad shayari

उसे लिखा गया
किसी और के नसीब में मुर्शद
वो शख़्स जिसे दुआओं में
मैंने माँगा था

जिसकी ख्वाहिश
होती है हमें मुर्शद
वो शख़्स हमें
मिलता क्यूँ नहीं

वो छोड़ी नहीं
गई हमसे मुर्शद
हमें उनकी
आदत जो लगी थी

 

मुरशद हम पे वाजिब है 
इंतज़ार तेरा मुरशद
खुद को रखेंगे उम्र भर तन्हा 

 

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वो केसी और
को मायसर है
मुरशद मेरा ये सदमा
सिरफ खुदा जनता है

मुर्शीद हमें भरी जवानी
में गम मिला है
हमारे साथ कोई दगा कर गया

लाश जंगल से किसी 
रोज़ मिलेगी मेरी, मुर्शद
मैं इलाके के रईसों से 
इश्क़ कर बैठा हूँ

 

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मुझसे मोहब्बत पर मश्वरे 
मांगते हैं लोग हाय मुर्शद, 
तेरा इश्क़ कुछ  इस तरह से 
तजर्बे दे गया मुझे

यह तो परिंदों की
मासूमियत है मुर्शिद
वरना दूसरों के घरों में
अब यु कौन आता जाता है

के मुझे यह कौन समझाएं 
उसे याद करने में
मुर्शद कॉलेज फट भी सकता है 
दिल कट भी सकता है

 

murshad shayari

के सुन लिया फैंसला तेरा, 
ओर सुनकर उदास हो बैठे
जहन चुपचाप आँख खाली है 
जैसे हम कायनात खो बैठे

murshad shayari  sharechat

हमें कोई तरकीब बताए
आप मुस्कराने की मुर्शद
उनके जाने से
हम हंसना भूल गए है

हमें कमरों में नहीं 
किताबों में उतारो
हाए मुर्शद हम मोहब्बत 
के मारे हुए हैं

मैंने सुना है उन्हें भी
इश्क़ हो गया हैं  मुर्शद
रात को अब वो भी 
जागा करते हैं 

आईना कहता है
कहना नहीं चाहिए था
तुन अभी तक जिन्दा है 
रहना तो नहीं चाहिए था 

 

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यह जो तुम इश्क़ में 
करते हो हिसाब किताब
मुर्शद हम जो करने 
बैठे तो तुम्हें खरीद लेंगे

मुर्शद बातें उनकी ऐसी 
के वफ़ा पे खत्म
जब निभाने की बात 
आई वो मजबूर निकले

इक उमर बीत गई
पूरी की पूरी मुर्शद
उन्हें देखने की खवाहिश
मगर अधूरी ही रही

तेरा हक़ नहीं बनता था 
दर्द देने का मुरशद
देख यार 
तू तो मेरा यार था 

 

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आवाज़ नहीं होती दिल
टूट फिर भी जाता है मुर्शद
ख्यालों में खोया आशिक़
चलते चलते गिर भी जाता है

भरोसा तो जिंदगी
का भी नहीं मुर्शिद
और तुम इंसानो
पर कर लेते हो

तेरी मोहब्बत की हिफाज़त 
कुछ इस तरह से की मैंने
मुर्शद, जब किसी ने प्यार से 
देखा नज़रें झुका ली मैंने

 

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की अब रातों को नींद 
आती नहीं  मुर्शद
इश्क़ हो गया है 
हमें लगता हैं 

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गरूर जांचता है मुझपर 
तभी तो करता हूँ
मुर्शद मैं वो नहीं जो हर 
किसी पर मरता हूँ

बहुत देर हो चुकी है मुर्शद 
अब उन्हें भूलना नामुमकिन है

यूं हर किसी से बैर पालोगे 
मुर्शद जिन्दगी में 
अकेले रह जाओगे तुम

कोई तो ऐसी बात करो
मुरशद जिससे लगे
तुम बस मेरे हो 

 

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नहीं मिलता वक्त
साथ गुजारने को मुर्शिद
हम दोनो एक ही फलक
के सूरज चांद है

के रहते हैं मशरूफ करते हैं बहाने, 
बताते हैं मजबूरियाँ
उफ मुर्शद यह लोग खुद को साफ 
लफ़्ज़ों में बेवफा क्यों नहीं कहते

के मुझमें हज़ार खामियाँ है 
माफ कीजिए
अरे आप भी तो कभी अपना 
आईना साफ कीजिए

की हम टूटे हुए लोग हैं 
मुर्शद
हँसी भी पास हमारे 
आकर रोने लगती हैं 

 

murshad shayari

वो जो दिल तोड़ देते है 
किसी का मुर्शद
इश्क़ उन्हें भी होना चाहिए 

वो तो अब पास
भी नहीं आते मुर्शद
ना जाने पास
किसके अब जाने लगे है

वो जिन्हें कदर नहीं मेरी 
मुर्शद बहुत
पछताएंगे बाद  मेरे वो 

की अपनी शामों का हिस्सा 
मैंने किसी को न दिया 
मुरशद  तेरे बिना भी 
मैंने  इशक तुमसे ही किया 

 

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मेरी मौत पर भी कोई 
रोने वाला था नही
मुर्शद
कितना बदनसीब था मैं

किसी काम से निकले थे 
घर से मुर्शद, उन्हें देखा 
सब कुछ भूल गये हम

उन्हें हँसते हुए देखा मुर्शद
हम रोक ना पाए खुद को
हमारी भी हंसी निकल पड़ी

कभी इस दर्द से गुज़रो तो 
मालूम हो तुमको मुरशद
जुदाई वो बीमारी है जो 
दिल का खून पीती है 

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