Sahir Ludhyani Shayari in Hindi - साहिर लुधियानवी की शायरी

Sahir Ludhianvi Famous Shayari भारत में कई प्रसिद्ध शायर और कविओं ने समय-समय पर अपनी Poetry से अपने पाठकों को मंत्रमुग्ध किया है जिनमे से एक हैं Sahir Ludhyanvi. साहिर लुधियानवी भारत के प्रसिद्ध कवी और गीतकार थे. उनके गीतों और कविताओं से एक दर्द झलका है, 


साहिर लुधियानवी का जनम 8  मार्च 1921  लुधियाना में हुआ था.  कॉलेज के दिनों में उन्होंने ने अपनी गजलों नज़्मों और कविताओं से लोकप्रिता हांसिल की थी. पेश है उनके द्वारा लिखी गयी कुछ चुनिंदा  Shayari और Poetry. 


Sahir Ludhyanvi Love Shayari

हम तो समझे थे कि हम 

भूल गए हैं उन को

क्या हुआ आज ये किस 

बात पे रोना आया


sahir ludhyanvi shayari hindi

चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है 

आँखों में सुरूर आ जाता है

जब तुम मुझे अपना कहते हो 

अपने पे ग़ुरूर आ जाता है


कौन कहता है मुहब्बत 

की ज़ुबाँ होती है

ये हक़ीक़त तो निगाहों 

से बयाँ होती है

 

Sahir Ludhianvi  SHAYARI IN HINDI


अब आएँ या न आएँ 

इधर पूछते चलो

क्या चाहती है उन की 

नज़र पूछते चलो


ज़ब्त ए सैलाब ए मुहब्बत 

को कहाँ तक रोके

दिल में जो बात हो 

आखों से बयाँ होती है

साहिर लुधियानवी शायरी 

ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के 

बिखर जाए तो अच्छा

इस रात की तक़दीर 

सँवर जाए तो अच्छा


किस दर्जा दिल शिकन थे 

मोहब्बत के हादसे

हम ज़िंदगी में फिर कोई 

अरमाँ न कर सके

 

Sahir Ludhyani Shayari in Hindi

दिल ने तो खुशी माँगी थी मगर 

जो तूने दिया अच्छा ही दिया

जिस गम को तअल्लुक हो तुझसे

वह रास नहीं और रास भी है

sahir ludhianvi famous lines

छू लेने दो नाज़ुक होठों को, 

कुछ और नहीं हैं जाम हैं ये

क़ुदरत ने जो हमको बख़्शा है, 

वो सबसे हसीं ईनाम हैं ये


न कोई जादा, न मंजिल,

 न रौशनी, न सुराग

भटक रही है खलाओं में 

जिन्दगी मेर

 

तआरूफ रोग हो जाए तो 

उसको भूलना बेहतर

तअल्लुक बोझ बन जाये तो 

उसको छोड़ना अच्छा

Sahir Ludhyanvi Best Shayari

पलकों पे लरजते अश्कों में 

तसवीर झलकती है तेरी

दीदार की प्यासी आँखों को 

अब प्यास नहीं और प्यास भी है


दूर रह कर न करो बात 

क़रीब आ जाओ

याद रह जाएगी ये रात 

क़रीब आ जाओ


मायूस तो हूं वायदे से तेरे

कुछ आस नहीं कुछ आस भी है

मैं अपने ख्यालों के सदके

तू पास नहीं और पास भी है

 

Sahir Ludhianvi Famous Poetry


जो मिल गया उसी को 

मुक़द्दर समझ लिया

जो खो गया मैं उस को 

भुलाता चला गया

 

sahir ludhyanvi sad shayari


हमने तो खुशी मांगी थी मगर जो 

तूने दिया अच्छा ही किया

जिस गम का तअल्लुक हो

 तुमसे वो रास नहीं और रास भी है


क्या हुआ गर मेरे 

यारों की ज़ुबानें चुप हैं

मेरे शाहिद मेरे यारों 

के सिवा और भी हैं


तेरे तड़प से न तड़पा था मेरा दिल,लेकिन

तिरे सुकून से बेचैन हो गया हूँ मैं

ये जान कर तुझे जाने कितना ग़म पहुचें

कि आज तेरे ख़यालों में खो गया हूँ मैं


ज़िन्दगी एक सुलगती 

सी चिता है साहिर

शोला बनती है ना ये 

बुझ के धुआँ होती है

 

Sahir Ludhianvi Poetry in Hindi

गर ज़िंदगी में मिल गए 

फिर इत्तिफ़ाक़ से

पूछेंगे अपना हाल 

तेरी बेबसी से हम

Sahir Ludhyani Sad Shayari

अहले ए दिल और भी हैं 

अहल ए वफ़ा और भी हैं

एक हम ही नहीं दुनिया से 

ख़फ़ा और भी हैं


चंद कलियां निशात की चुनकर

मुद्दतों महवे यास रहता हूं

तेरा मिलना खुशी की बात सही

तुझ से मिलकर उदास रहता हूं


अभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता 

रहता हूँ ख़ल्वत में

कि अब तक किस तमन्ना 

के सहारे जी लिया मैंने

 

साहिर लुधियानवी शायरी


अरे ओ आसमाँ वाले बता 

इस में बुरा क्या है

ख़ुशी के चार झोंके गर 

इधर से भी गुज़र जाएँ

 

Sahir Ludhianvi Poetry


ये महलों ये तख़्तों ये ताजों की दुनिया

ये इंसाँ के दुश्मन समाजों की दुनिया

ये दौलत के भूके रिवाजों की दुनिया

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है


लोग औरत को फ़क़त 

जिस्म समझ लेते हैं

रुह भी होती है उस में ये 

कहाँ सोचते हैं

sahir Ludhuyanvi Special Poetry

ये भूखी निगाहें हसीनों की जानिब

ये बढ़ते हुए हाथ सीनों की जानिब

लपकते हुए पांव ज़ीनों की जानिब

सना ख़्वाने तक़दीसे मशरिक़ कहां हैं


इस तरह ज़िन्दगी ने दिया है 

हमारा साथ

जैसे कोई निबाह रहा हो 

रक़ीब से

 

Sahir Ludhianvi Poetry sad


महफ़िल में तेरी यूँ ही रहे 

जश्न ए चरागाँ

आँखों में ही ये रात 

गुज़र जाए तो अच्छा


फिर खो न जाएँ हम कहीं 

दुनिया की भीड़ में

मिलती है पास आने की 

मोहलत कभी कभी

साहिर लुधियानवी की Shayari

जब तुम से मोहब्बत की हम ने

तब जा के कहीं ये राज़ खुला

मरने का सलीक़ा आते ही

जीने का शुऊर आ जाता है

 

sahir ludhyanvi ki shayari hindi me

मेरे ख़्वाबों में भी तू 

मेरे ख़यालों में भी तू

कौन सी चीज़ तुझे 

तुझ से जुदा पेश करूँ

 

Sahir Ludhianvi Shayari in HIndi

मोहब्बत तर्क की मैंने 

गिरेबाँ सी लिया मैंने

ज़माने अब तो खुश हो 

यह ज़हर भी पि लिया मैंने


हजार बर्क गिरें, लाख 

आंधियां उठे

वह फूल खिल के रहेंगे, 

जो खिलने वाले हैं

Sahir Ludhyani Poetry in Hindi

जब भी जी चाहे नई दुनिया 

बसा लेते हैं लोग

एक चेहरे पर कई चेहरे लगा 

लेते हैं लोग


देखा है ज़िंदगी को कुछ 

इतने क़रीब से 

चेहरे तमाम लगने लगे हैं 

अजीब से 

 

Sahir Poetry Ludhianvi


ज़ुल्म फिर ज़ुल्म है 

बढ़ता है तो मिट जाता है

ख़ून फिर ख़ून है 

टपकेगा तो जम जाएगा

Sahir Ludhyanvi Love Shayari

माना कि इस ज़मीं को 

न गुलज़ार कर सके

कुछ ख़ार कम तो कर 

गए गुज़रे जिधर से हम


मैं जिसे प्यार का अंदाज़

समझ बैठा हूँ

वो तबस्सुम वो तकल्लुम 

तेरी आदत ही न हो

 

साहिर लुधियानवी shayari


हम जुर्म ए मोहब्बत की 

सज़ा पाएँगे तन्हा

जो तुझ से हुई हो वो 

ख़ता साथ लिए जा


कोइ हमराज़ तो पाऊँ 

कोई हमदम तो मिले

दिल की धड़कन के 

इशारत किसे पेश करूँ


वैसे तो तुम्हीं ने मुझे 

बर्बाद किया है

इल्ज़ाम किसी और के 

सर जाए तो अच्छा


उन का ग़म उन का तसव्वुर 

उन के शिकवे अब कहाँ

अब तो ये बातें भी ऐ 

दिल हो गईं आई गई


बर्बादियों का सोग 

मनाना फ़ुज़ूल था

बर्बादियों का जश्न 

मनाता चला गया


अगर मुझे न मिली तुम 

तो मैं ये समझूँगा

कि दिल की राह से 

होकर ख़ुशी नहीं गुज़री

 

Sahir Ludhianvi Poetry


ले दे के अपने पास फ़क़त 

इक नज़र तो है

क्यूं देखें ज़िंदगी को किसी 

की नज़र से हम


फिर न कीजे मिरी 

गुस्ताख़-निगाही का गिला

देखिए आप ने फिर 

प्यार से देखा मुझ को

 

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तुम हुस्न की ख़ुद इक दुनिया हो 

शायद ये तुम्हें मालूम नहीं

महफ़िल में तुम्हारे आने से 

हर चीज़ पे नूर आ जाता है


भूले से मोहब्बत कर बैठा, 

नादाँ था बेचारा, दिल ही तो है

हर दिल से ख़ता हो जाती है, 

बिगड़ो न ख़ुदारा, दिल ही तो है

Sad Poetry Of Sahir Ludhyanvi

मेरे ख्वाबों के झरोखों 

को सजाने वाली

तेरे ख्वाबों में कहीं मेरा 

गुजर है कि नहीं


तुम मुझे भूल भी जाओ तो 

यह हक है तुमको

मेरी बात और है 

मैंने तो मुहब्बत की है

 

Sahir Ludhianvi Shayari


तू मुझे छोड़ के ठुकरा के 

भी जा सकती है

तेरे हाथों में मिरे हाथ हैं 

ज़ंजीर नहीं


वफ़ा शिआर कई हैं 

कोई हसीं भी तो हो

चलो फिर आज उसी 

बेवफ़ा की बात करें


हम अम्न चाहते हैं 

मगर ज़ुल्म के ख़िलाफ़

गर जंग लाज़मी है 

तो फिर जंग ही सही

 

sahir ludhyanvi desh bhagti shayari


तंग आ चुके हैं 

कशमकश ए ज़िंदगी से हम

ठुकरा न दें जहाँ को 

कहीं बे दिली से हम

Sahir Ludhyani Shayari Download

वो अफ़्साना जिसे अंजाम 

तक लाना न हो मुमकिन

उसे इक ख़ूबसूरत मोड़ दे 

कर छोड़ना अच्छा


कौन रोता है किसी और 

की ख़ातिर ऐ दोस्त

सब को अपनी ही किसी 

बात पे रोना आया

 

साहिर लुध्यानवी की शायरी


अपनी तबाहियों का 

मुझे कोई ग़म नहीं

तुम ने किसी के साथ 

मोहब्बत निभा तो दी


लो आज हमने तोड़ दिया

 रिश्ता ए उम्मीद

लो अब कभी गिला न 

करेंगे किसी से हम

 

sahir ludhyanvi ki dard bhari shayari


हम तो समझे थे कि 

हम भूल गए हैं उन को 

क्या हुआ आज ये किस 

बात पे रोना आया 


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