Ahmad Nadeem Qasmi Shayari in Hindi. अहमद नदीम क़ासमी एक पाकिस्तानी शायर और कवी, जिन्होंने उर्दू और इंग्लिश भाषा में कई ग़ज़ल कवितायेँ लिखीं वे अपने समय के प्रसिद्ध साहित्यकार, नाटकार लेखक थे।
उनकी कविताओं में मानवतावाद की झलक मिलती है। इस आर्टिकल में उनके द्वारा लिखी गयी ग़ज़लों में से शेयर आपके लिए पब्लिश किये हैं, मुझे उम्मीद है आपको ये जरूर पसंद आएँगी।
कौन कहता है मोत आयी तो मर जाऊंगा
मैं तो दरिया हूँ समुन्दर में उतर जाऊंगा
मर जाता हूँ जब ये सोचता हूँ
मैं तेरे बगैर जी रहा हूँ
कितनी हसरत थी तुझे पास बैठा कर रोयें
अब ये मुश्किल है तेरे सामने रोयें कैसे
उन को फ़िक्र की मैं पार लगा या डूबा
बहस करते रहे साहिल पे जो तुफानो की
खुदा करे की तेरी उम्र में गिने जाएँ
वो दिन जो हम ने तेरे हिज्र में गुजरे थे
आज की रात भी तनहा ही कटी
आज के दिन भी अँधेरा होगा
तुम मेरे इरादों के डोलते सितारों को
यास के खलाओं में रास्ता दिखाओ
👉 Jakhmi Dil Shayari
पूछ बैठा हूँ मैं तुझसे तेरे कूचे का पता
तेरी हालत ने कैसी तेरी सूरत कर दी
तोड़ कर देख लिया आइना ऐ दिल तूने
तेरी सूरत के सिवा और बता क्या निकला
सुबह होते ही निकल आते हैं बाजार में लोग
गठरियाँ सर पे उठाये हुए ईमानो की
तुझ से किस तरह मैं इजहार ऐ तमन्ना करता
लफ्ज़ सुझा तो मानी ने बगावत कर दी
पा कर भी तो नींद उड़ गयी थी
खो कर भी तो रत जगे मिलें है
मरुँ तो मैं किसी चेहरे में रंग भर जाऊं
नदीम काश यही एक काम कर जाऊं
क्या भला मुझ को परखने का नतीजा निकला
जखम ऐ दिल आपकी नज़रों से भी गहरा निकला
किस दिल को करूँ विदा तुझ को
टुटा जो सितारा बुझ गया है
मुझ को दुश्मन के इरादों पे भी प्यार आता है
तेरी उल्फत ने मुहब्बत मेरी आदत कर दी