दोस्तों आपका स्वागत हैं हमारे वेबसाइट में यहाँ आपको ढेर सारी हिंदी शायरी का कलेक्शन मिलेगा जिसे आप जब चाहें पढ सकते हैं. आज हम आपके लिए उमस पर बहुत शानदार शायरी लेकर आए हैं. गर्मिओं भरे जून के महीने के ख़तम होने के बाद जब जुलाई के महीने में बरसात होती न उसके बाद जो उमस का कहर होता हैं वो सहन नहीं होता. गर्मिओं के दिन तो कट जाते हैं पर उमस भरी रातें नहीं कटती
आती नहीं नींद सारी रात करवटें बदलते हैं
मखमली बिस्तर काटों से चुभते हैं अब तो
ये मुहब्बत का नहीं उमस का कहर है यारो
वो सर्दी में भी दगा देती हैं
वो गर्मी में भी दगा देती हैं
ये पानी की टंकी बड़ी बेवफा होती हे
जो हर मौसम में सजा देती हे।
उफ्फ तेरी यादे और यह उमस
दोनो बेहिसाब भिगोती है मुझे.
तेरी याद में आंखे भीगती हैं
और उमस से बदन
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