zakhmi dil shayari जख्मी दिल शायरी डाउनलोड zakhmi dil shayari sad status shayari दर्द भरी शायरी हिंदी में .जब चोट लगती है तो मरहम लगा लेते हैं लेकिन जब दिल पे चोट लगती है न उसकी कोई दवा इस दुनिया में नहीं है . लोग कहते है वक़्त हर मर्ज़ की दवा है लेकिन को दिल के जखम होते है नहीं भरते वो वक़्त के साथ और गहरे हो जाते हैं . अगर आप भी टूटे हुए दिल की शायरी सर्च कर रहे हैं तो यहाँ आपके लिए हर पार्का की ज़ख़्मी दिल की शायरी हिन्दीमे मिलगे
कांच चुभे तो ज़ख्म रह जाते है दिल टूटे तो अरमान रह जाते है लगा तो देता है वक़्त मरहम इस दिल पर फिर भी उम्र भर निशान रहा जाते है .
क्यों शर्मिंदा करते हो रोज़ हाल पूछकर, हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है
खता न मेरी थी न उनका कसूर था , हम दोनो दुनिया की रिवायतें निभाते रहे, वो दोस्ती का रिश्ता निभाते रहे, हम दिल में चाहत छुपाते रहे
उम्मीद नहीं उनसे मुलाकात की, कयामत से इंतज़ार कर रहा हूँ, खुदा जाने राह नादुरूस्त है यां मंजिल
दर्द भरी ज़ख़्मी दिल शायरी
तुझे भूलकर भी ना भूल पायेंगे हम, बस यही एक वादा निभा पायेंगे हम
धोखा है, तेरी मुहब्बत में गुलाब और शबाब की, वरना हम कभी महक तो कभी बहक क्यों जाते है
उसकी गली से गुजरते हुए खिड़की से जो देखती है , इक दिन सर ऐ आम इज़हार करेगी
zakhmi dil shayari download
सवाल भी तुम हो, मेरा जवाब भी तुम हो,तुम्हे देखकर होती है जो सीने में जो हलचल उसका इलाज भी तुम हो
मुझे तुम्हारा साथ जन्मों तक चाहिए मुझे, जन्मों की प्यास एक घूंट में कहा बुझती है
शक से भी आजकल टूट जाते हैं कुछ रिश्ते, ये जरुरी नहीं हर बार कोई बेवफा ही निकले
नसीब देखो इक गरीब बाप का अक्सर अपनी ख्वाहिशें मारनी पड़ती है, कभी पैसे नहीं होते कभी जिम्मेदारियां याद आती हैं
इश्क की राह में कोई किसी के लिए ठहरता नहीं, न मुड़ के देखा कभी साहिलों को दरिया ने
अक्सर लोग कहते हैं बक़त बदलता है , लेकिन सच तो ये है, वक़्त के साथ इंसान भी बदलता है
बने हैं अहल ए हवस मुद्दे भी मुंसिफ भी, किसे वकील करें किससे मुंसिफी चाह
dard bhari shayari in hindi
रात उनको बात बात पे सौ सौ दिए जवाब, मुझको खुद अपने आप से ऐसा गुमान न था
आज मेरी xजान मुझसे बोली तुम अब बदल से गए हो, उसे कौन समझाए टूटे हुए फूल मुरझा जाते हैं
क्या खूब गुमान बढ़ाया तुफानो ने मुठी भर रेत का, मगर दो बूँद बिसात ने हैसियत बता दी
अजनबी हो अगर तुम तो लोट क्यूँ नहीं जाते, चाहत है दिल में छुपी तो रुक क्यूँ नही जाते
इक धोके के बाद मुझे न रहा शोख आशिकी का वरना, तेरे गाँव की खिड़कियाँ अब भी इशारे करती हैं
चाहत के मारों से ना पूछो दर्द ऐ इंतज़ार का, वीरान सी है ज़िन्दगी और ख्याल है आप का
ज़ख़्मी दिल ब्रेकअप शायरी
ज़िन्दगी में कभी किसी की मज़ाक मत बनाना, क्योंकि जब समय मौका देता है, फिर उसी तरह से धोखा भी देता है
वही दिन वही पुरानी ही रातें लगती हैं वही रोज का फलसफा, अभी महीना भी नहीं गुजरा और यह साल अभी से पुराना लगता है
जो आपकी किस्मत में है वो दौड़ कर आएगी,और जो किस्मत में नही है वो धोखा दे जायगी
मिलाबट के बाजार में रिश्तो को कुछ इस तरह सजाया जाता है, ऊपर से तो बहुत अच्छा दिखाया जाता है, पर अंदर से धोखा मिलाया जाता है.
बयूटी कभी किसी के फेस में मत ढूंढना, सुंदरता तो हमेशा लोगो के दिलो में होती है
बेवफा ज़ख़्मी दिल शायरी
जो लोग रिश्ते मतलब से बनाते है, वो अकेले रह जाते है, पर जो लोग रिश्ते सच्चे दिल से बनाते है, वो एक दूसरे के हमसफ़र बन जाते हैं.
जब जेब खाली थी, तब हम अकेले चला करते थे. अब भरने लगी जेब तो सब अपनापण जताने लगे
साँसे भी तो इंसान से जुदा हुआ करती हैं, तो मोहब्बत ही क्यों ये इलज़ाम सहा करती है
आज कल जिन लोगो पर सिर्फ दौलत हुआ करती है, उन लोगो पर दुनिया में सबसे ज़्यादा गरीबी हुआ करती है
हमने इंसानो को अपनी औकात भूलते देखा है, जब हमने रोटी को कूड़े में फेंकते देखा है
ऐ इंसा तू अपनी तारीफ मत कर वो वेफज़ूल है, क्योंकि खुशबू खुद ही बता दिया करती है ये कोन सा फूल है
share chat jakhmi dil shayari
आज लफ्ज़ो को मैंने शाम को पीने पे बुलाया है, बन गयी बात अगर तो ग़ज़ल भी हो सकती है
लफ्ज़ ख़त्म हो गए अब इस रात के चलो सुबह होने का इंतज़ार करते हैं
मुझे नहीं चाहिए जो छीन कर लेना पड़े, लिखा नहीं जो किस्मत में चाहत छोड़ दी
तेरे झूठे वादों से कब तक मैं खुद को तस्सली दूँ, कोई ऐसा इलज़ाम लगा दे तेरी आस ही छोड़ दूँ तेरी
जख्मी दिल शायरी हिंदी
कुछ दर्द की शिद्दत है कुछ पास मोहब्बत है, हम आह तो करते हैं, फरियाद नहीं करते
आज तुम्हे मुझ में खामियां नज़र आती हैं ,याद क्र वो दिन जब तुमने कहा था, चाँद में तो दाग है पर तुझमे नहीं
मुरझा जाती हैं गिर जाती हैं शाख से जो कलियाँ, उनकी किस्मत में फूल बनना लिखा नहीं खुदा ने
लगता है मेरी नींद का किसी के साथ चक्कर चल रहा है, सारी सारी रात गायब रहती है
वो रात दर्द और सितम की रात होगी, जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी, उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर नींद से अक्सर, कि एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी
जब वो हाथों से मुँह छुपा के रोये,क्या रहो होगी मजबूरी जो मुँह मोड़ कर रोये,मेरे सामने तो तस्वीर में के टुकड़े कर दिए मेरे बाद उन्हें जोड़ कर रोये
तुम क्या जानों हवा में उड़ती तुम्हारी जुल्फे देख कर कितनो के दिल बेचैन हो जाते हैं,मत बंधा करो इन्हे उन्हें बेचैन रहने दो
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लङने दो ज़ुल्फों ओर हवाओ को आपस में, तुम क्यों हाथ से उनमें सुलह कराने लगती हो
न कोई ऐसा मिला जिस पर हम जान लुटा देते, हर किसी ने धोखा दिया, किस किस को सजा देते,
तेरी यादों को दिल में छुपा कर बैठे हैं महफ़िल में तेरी, जुबान पर तेरा नाम न ए यही ख्याल रखता हूँ
नहीं जानता कैसे करूँ तेरे हुस्न की तारीफ, मेरी नज़र में तुझसे हसीं कोइ भी नहीं
जख्मी दिल शायरी फोटो
हर लफ्ज़ में दर्द है राज है कुछ जज्वात है लोग समझते हैं इसे शायरी और बस मुस्कुरा देते हैं
कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूँ मै वो शख़्स नही, वो शायर हूँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है
क्या मिला मुझे तुमसे दिल लगाकर, बस रातों को जागना और जागते रहना
मोहब्बत की तलाश में निकले हो तुम अरे ओ पागल, मोहब्बत खुद तलाश करती है जिसे बर्बाद करना हो
पसंद आ गए हैं कुछ लोगों को हम, कुछ लोगों को ये बात पसंद नहीं आयी
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यूँ ख्वाबो में आकर मुझे परेशान न करो, कुछ इस तरह जुदाई के लम्हो को सहल तुम करो
मोहब्बत के लिए ऐसे भी जिंदगी बहुत कम है, फिर एक दूसरे से तकरार में वक़्त गँवाने की जरूरत क्या
भरी दुनिया में कोई भी नजर आता नहीं अपना, एक दौर ऐसा भी गुजर जाता है इन्सां पर
मेरे गुलशन ए मोहब्बत में वीरानी कहाँ से आए, कभी उसने फूल खिलाए कभी मैंने गुल सजाये
jakhmi dil shayari boy hindi
कोई हम से पूछे उन क करम ओ सितम का आलम कभी मुस्कुरा के रोए कभी रो के मुस्कुराए
तेज बहती हवाओं को क्या पता, डाल से टूटेगा कोई फूल तो बिखर जाएगा
जानती है वो मेरी मजबूरियां, वो हार जाती है मैं रो देता हूँ.
फ़िक्र सोती थी चैन से पहले, अब मुझे रात भर जगाती है
आजकल नाराज़ है जरा मेरा मन मुझसे वरना ज़माने से गिला तो ना कल था ना अब है
जख्मी दिल शायरी गर्लफ्रेंड
मैं चला मय ख़ाने जहाँ कोई रंज नहीं है, जिसे देखनी हो जन्नत वो आ जाए मेरे साथ.
इशक का बुखार उतरा तो मालूम हुआ जिसके लिए रात रात भर रोते थे वो सिर्फ बेमतलब चाहत थी
बहुत खुश नसीब होते है ताश के बिखरे हुए पत्ते, क्यों के इन्हे उठाने वाला कोई तो है
बहुत प्यारी सी खुमारी था उसकी झुठी बातों में, वो बोलते गए और हम मदहोश हो गए
कितने ही बरसों का सफर खाक हुआ, उसने जब पूछा, कहो कैसे आना हुआ
जिंदगी की दर्द भरी जख्मी दिल शायरी
अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की इन्तहा, तो हम तुमसे नही तुम हमसे मोहब्बत करते
नाजुक लगते थे, जो हसीन लोग, वास्ता पड़ा तो, पत्थर के निकले
हम अपनी उलझनों में कुछ इस तरह उलझ चुके हैं, वो समझते है हम भूल चुके है उन्हें
चेहरे जो चुप चाप बात करते है, अक्सर वही एक दूसरे के जज्वात समझते हैं
सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना, कहीं कोई थक ना जाए तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते
ऐ दोस्त इतने चेहरे न बदलो झूठी शोहरत के लिए ,के खुद की पहचान बदल जाए
zakhmi dil shayari in hindi
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे, मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो
चाहत कुछ भी नहीं मेरी तेरे सिबा, तू न मिले तो गम नहीं बस तेरे घर के सामने रहने की ख्वाहिश है
तेरी बेवफाई को भुला न सकेंगे छह कर भी हम मुस्कुरा न सकेंगे
तुझको भी मिल गया प्यार अपना अपना किसी को हम बना न सकेंगे