कांच चुभे तो ज़ख्म रह जाते है दिल टूटे तो अरमान रह जाते है लगा तो देता है वक़्त मरहम इस दिल पर फिर भी उम्र भर निशान रहा जाते है .
क्यों शर्मिंदा करते हो रोज़ हाल पूछकर, हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है
तुझे भूलकर भी ना भूल पायेंगे हम, बस यही एक वादा निभा पायेंगे हम
धोखा है, तेरी मुहब्बत में गुलाब और शबाब की, वरना हम कभी महक तो कभी बहक क्यों जाते है
दर्द यूँ तो, बहुत है मेरी ज़िंदगी में, मगर ऐ सितमगर तेरी यादों सा कोई सित्तम नहीं करता
उसकी गली से गुजरते हुए खिड़की से जो देखती है , इक दिन सर ऐ आम इज़हार करेगी
सवाल भी तुम हो, मेरा जवाब भी तुम हो,तुम्हे देखकर होती है जो सीने में जो हलचल उसका इलाज भी तुम हो
मुझे तुम्हारा साथ जन्मों तक चाहिए मुझे, जन्मों की प्यास एक घूंट में कहा बुझती है
शक से भी आजकल टूट जाते हैं कुछ रिश्ते, ये जरुरी नहीं हर बार कोई बेवफा ही निकले
नसीब देखो इक गरीब बाप का अक्सर अपनी ख्वाहिशें मारनी पड़ती है, कभी पैसे नहीं होते कभी जिम्मेदारियां याद आती हैं
इश्क की राह में कोई किसी के लिए ठहरता नहीं, न मुड़ के देखा कभी साहिलों को दरिया ने
अक्सर लोग कहते हैं बक़त बदलता है , लेकिन सच तो ये है, वक़्त के साथ इंसान भी बदलता है
बने हैं अहल ए हवस मुद्दे भी मुंसिफ भी, किसे वकील करें किससे मुंसिफी चाह
रात उनको बात बात पे सौ सौ दिए जवाब, मुझको खुद अपने आप से ऐसा गुमान न था
आज मेरी xजान मुझसे बोली तुम अब बदल से गए हो, उसे कौन समझाए टूटे हुए फूल मुरझा जाते हैं
क्या खूब गुमान बढ़ाया तुफानो ने मुठी भर रेत का, मगर दो बूँद बिसात ने हैसियत बता दी
अजनबी हो अगर तुम तो लोट क्यूँ नहीं जाते, चाहत है दिल में छुपी तो रुक क्यूँ नही जाते
इक धोके के बाद मुझे न रहा शोख आशिकी का वरना, तेरे गाँव की खिड़कियाँ अब भी इशारे करती हैं
चाहत के मारों से ना पूछो दर्द ऐ इंतज़ार का, वीरान सी है ज़िन्दगी और ख्याल है आप का
ज़िन्दगी में कभी किसी की मज़ाक मत बनाना, क्योंकि जब समय मौका देता है, फिर उसी तरह से धोखा भी देता है
वही दिन वही पुरानी ही रातें लगती हैं वही रोज का फलसफा, अभी महीना भी नहीं गुजरा और यह साल अभी से पुराना लगता है
जो आपकी किस्मत में है वो दौड़ कर आएगी,और जो किस्मत में नही है वो धोखा दे जायगी
मिलाबट के बाजार में रिश्तो को कुछ इस तरह सजाया जाता है, ऊपर से तो बहुत अच्छा दिखाया जाता है, पर अंदर से धोखा मिलाया जाता है.
बयूटी कभी किसी के फेस में मत ढूंढना, सुंदरता तो हमेशा लोगो के दिलो में होती है
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जो लोग रिश्ते मतलब से बनाते है, वो अकेले रह जाते है, पर जो लोग रिश्ते सच्चे दिल से बनाते है, वो एक दूसरे के हमसफ़र बन जाते हैं.
जब जेब खाली थी, तब हम अकेले चला करते थे. अब भरने लगी जेब तो सब अपनापण जताने लगे
साँसे भी तो इंसान से जुदा हुआ करती हैं, तो मोहब्बत ही क्यों ये इलज़ाम सहा करती है
आज कल जिन लोगो पर सिर्फ दौलत हुआ करती है, उन लोगो पर दुनिया में सबसे ज़्यादा गरीबी हुआ करती है
हमने इंसानो को अपनी औकात भूलते देखा है, जब हमने रोटी को कूड़े में फेंकते देखा है
ऐ इंसा तू अपनी तारीफ मत कर वो वेफज़ूल है, क्योंकि खुशबू खुद ही बता दिया करती है ये कोन सा फूल है
आज लफ्ज़ो को मैंने शाम को पीने पे बुलाया है, बन गयी बात अगर तो ग़ज़ल भी हो सकती है
लफ्ज़ ख़त्म हो गए अब इस रात के चलो सुबह होने का इंतज़ार करते हैं
मुझे नहीं चाहिए जो छीन कर लेना पड़े, लिखा नहीं जो किस्मत में चाहत छोड़ दी
तेरे झूठे वादों से कब तक मैं खुद को तस्सली दूँ, कोई ऐसा इलज़ाम लगा दे तेरी आस ही छोड़ दूँ तेरी
कुछ दर्द की शिद्दत है कुछ पास मोहब्बत है, हम आह तो करते हैं, फरियाद नहीं करते
आज तुम्हे मुझ में खामियां नज़र आती हैं ,याद क्र वो दिन जब तुमने कहा था, चाँद में तो दाग है पर तुझमे नहीं
मुरझा जाती हैं गिर जाती हैं शाख से जो कलियाँ, उनकी किस्मत में फूल बनना लिखा नहीं खुदा ने
लगता है मेरी नींद का किसी के साथ चक्कर चल रहा है, सारी सारी रात गायब रहती है
वो रात दर्द और सितम की रात होगी, जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी, उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर नींद से अक्सर, कि एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी
जब वो हाथों से मुँह छुपा के रोये,क्या रहो होगी मजबूरी जो मुँह मोड़ कर रोये,मेरे सामने तो तस्वीर में के टुकड़े कर दिए मेरे बाद उन्हें जोड़ कर रोये
तुम क्या जानों हवा में उड़ती तुम्हारी जुल्फे देख कर कितनो के दिल बेचैन हो जाते हैं,मत बंधा करो इन्हे उन्हें बेचैन रहने दो
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लङने दो ज़ुल्फों ओर हवाओ को आपस में, तुम क्यों हाथ से उनमें सुलह कराने लगती हो
न कोई ऐसा मिला जिस पर हम जान लुटा देते, हर किसी ने धोखा दिया, किस किस को सजा देते,
तेरी यादों को दिल में छुपा कर बैठे हैं महफ़िल में तेरी, जुबान पर तेरा नाम न ए यही ख्याल रखता हूँ
नहीं जानता कैसे करूँ तेरे हुस्न की तारीफ, मेरी नज़र में तुझसे हसीं कोइ भी नहीं
हर लफ्ज़ में दर्द है राज है कुछ जज्वात है लोग समझते हैं इसे शायरी और बस मुस्कुरा देते हैं
कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूँ मै वो शख़्स नही, वो शायर हूँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है
क्या मिला मुझे तुमसे दिल लगाकर, बस रातों को जागना और जागते रहना
मोहब्बत की तलाश में निकले हो तुम अरे ओ पागल, मोहब्बत खुद तलाश करती है जिसे बर्बाद करना हो
पसंद आ गए हैं कुछ लोगों को हम, कुछ लोगों को ये बात पसंद नहीं आयी
यूँ ख्वाबो में आकर मुझे परेशान न करो, कुछ इस तरह जुदाई के लम्हो को सहल तुम करो
मोहब्बत के लिए ऐसे भी जिंदगी बहुत कम है, फिर एक दूसरे से तकरार में वक़्त गँवाने की जरूरत क्या
भरी दुनिया में कोई भी नजर आता नहीं अपना, एक दौर ऐसा भी गुजर जाता है इन्सां पर
कोई हम से पूछे उन क करम ओ सितम का आलम कभी मुस्कुरा के रोए कभी रो के मुस्कुराए
तेज बहती हवाओं को क्या पता, डाल से टूटेगा कोई फूल तो बिखर जाएगा
जानती है वो मेरी मजबूरियां, वो हार जाती है मैं रो देता हूँ.
फ़िक्र सोती थी चैन से पहले, अब मुझे रात भर जगाती है
मैं चला मय ख़ाने जहाँ कोई रंज नहीं है, जिसे देखनी हो जन्नत वो आ जाए मेरे साथ.
इशक का बुखार उतरा तो मालूम हुआ जिसके लिए रात रात भर रोते थे वो सिर्फ बेमतलब चाहत थी
बहुत खुश नसीब होते है ताश के बिखरे हुए पत्ते, क्यों के इन्हे उठाने वाला कोई तो है
बहुत प्यारी सी खुमारी था उसकी झुठी बातों में, वो बोलते गए और हम मदहोश हो गए
कितने ही बरसों का सफर खाक हुआ, उसने जब पूछा, कहो कैसे आना हुआ
अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की इन्तहा, तो हम तुमसे नही तुम हमसे मोहब्बत करते
नाजुक लगते थे, जो हसीन लोग, वास्ता पड़ा तो, पत्थर के निकले
हम अपनी उलझनों में कुछ इस तरह उलझ चुके हैं, वो समझते है हम भूल चुके है उन्हें
चेहरे जो चुप चाप बात करते है, अक्सर वही एक दूसरे के जज्वात समझते हैं
सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना, कहीं कोई थक ना जाए तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते
ऐ दोस्त इतने चेहरे न बदलो झूठी शोहरत के लिए ,के खुद की पहचान बदल जाए
चाहत कुछ भी नहीं मेरी तेरे सिबा, तू न मिले तो गम नहीं बस तेरे घर के सामने रहने की ख्वाहिश है
तेरी बेवफाई को भुला न सकेंगे छह कर भी हम मुस्कुरा न सकेंगे
तुझको भी मिल गया प्यार अपना अपना किसी को हम बना न सकेंगे
जख्मी दिल शायरी स्टेटस
हर चीज़ "हद" में अच्छी लगती हैं,मगर तुम हो के "बे-हद" अच्छे लगते हो
तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना,हम 'जान' तो दे देते हैं, मगर 'जाने' नहीं देते
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हम अपनी दिलपसंद पनाहों में आ गए,जब हम सिमट के आपकी बाहों में आ गए
चलो सिक्का उछाल के कर लेते हैं फैसला आज,चित आये तो तुम मेरे और पट आये तो हम तेरे
एक शर्त पर खेलूँगा ये प्यार की बाज़ी,😴मैं जीतू तो तुझे पाऊँ, और हारूँ तो तेरा हो जाऊ
छुपा लूंगा तुझे इस तरह से मेरी बाहों में,हवा भी गुज़रने के लिए इज़ाज़त मांगे,हो जाऊं तेरे इश्क़ में मदहोश इस तरह,कि होश भी वापस आने के इज़ाज़त मांगे.
खुद को खुद की खबर न लगे,कोई अच्छा भी इस कदर न लगे,आपको देखा है उस नजर से,जिस नजर से आपको नजर न लगे
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो,दिल मेरा था और धडक रहा था वो,प्यार का ताल्लुक अजीब होता है,प्यास मेरी थी और सिसक रहा था वो
दिल तो पहले होता था साइन में, अब तो सिर्फ दर्द लिए घूमते हैं
मोत आ जाये लेकिन किसी पर दिल न आए
ग़ज़ल लिखी हमने उनके होंठों को चूम कर,वो ज़िद्द कर के बोले 'फिर से सुनाओ'
आँखों में ना हमको ढूंढो सनम,दिल में हम बस जाएंगे,तमन्ना है अगर मिलने की तो,बंद आँखों में भी हम नज़र आएंगे
दिल में है जो बात किसी भी तरह कह डालिए,ज़िन्दगी ही ना बीत जाए कहीं बताने मे
वो बार बार पूछती है कि क्या है मौहब्बत,😏अब क्या बताऊं उसे,कि उसका पूछना और मेरा न बता पाना ही मौहब्बत है
आये हो जो आँखों में कुछ देर ठहर जाओ,एक उम्र गुजरती है एक ख्वाब सजाने में.
ख़याल आया तो आपका आया,आँखे बंद की तो ख्वाब आपका आया,सोचा कि याद क रलूँ खुदा को पल दो पल,पर होंठ खुले तो नाम आपका आया.
सब कुछ मिला सुकून की दौलत ना मिली,एक तुझको भूल जाने की मोहलत ना मिली,करने को बहुत काम थे अपने लिए,मगर हमको तेरे ख्याल से फुर्सत ना मिली.
मोत आ जाये शायद तो दिन संवर जाये वर्ण जिंदगी ने तो मार ही डाला है
लोग पूछते हैं की तुम क्यूँ अपनी मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,हमने कहा जो लब्जों में बयां हो जाये,सिर्फ उतना हम किसी से प्यार नहीं करते
गम ना कर ज़िंदगी बहुत बड़ी है,चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है,बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख,तक़दीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है
दिल टूट जाने वाली शायरी
यूँ नज़रें वो नीचे किए चले जा रहें हैं,पास आशिक़ खड़े यूँ परेशाँ हुए जा रहें हैं,कोई कहता है ज़ालिम अपनी नज़र तो उठा, हम तेरे रूख का दीदार करने को मरे जा रहें हैं
खुदा से भी पहले तेरा नाम लिया है मैंने,क्या पता तुझे कितना याद किया है मैंने,काश सुन सके तू धड़कन मेरी,हर सांस को तेरे नाम से जिया है मैंने
उसे बोल दो कि मेरे ख्वाबों में ना आया करे,रोज आँख खुलती है और दिल टुट जाता है.
सजा तो मुझे मिलना ही थी मोहब्बत में,मैंने भी तो कई दिल तोड़े थे तुझे पाने के लिए
पलकों की हद को तोड़ कर दामन पे आ गिरा,एक अश्क़ मेरे सब्र की तौहीन कर गया
मैं तेरे नसीब कि बारिश नहीं जो तुजपे बरस जाऊं,तुजे तक़दीर बदलनी होगी मुझे पाने के लिए
जो न मानो तो फिर तोल लेना तराजू के पलड़ों पर,तुम्हारे हुस्न से कई ज्यादा मेरा इश्क भारी है.
तूम्हारे बाद मेरा कोन बनेगा हमदर्द,मैंने अपने भी खो दीए.. तूम्हे पाने कि जिद मे
मोहब्बत भीख है शायद,बड़ी मुश्किल से मिलती है
गुनाह है गर इश्क तो,कबूल है मुझे हर सज़ा इश्क की
चले जाएंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर,कदर क्या होती है ये तुझे वक्त सिखा देगा
काश !!किस्मत भी नींद की तरह होती,हर सुबह खुल जाती
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज,हाल हमारा पूँछ कर,हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा हैं
कल एक फ़कीर ने मेरी आँखों में झांक के बोला,ऐ बन्दे तू तो बहुत खुशमिजाज़ था… इश्क़ होने से पहले
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एक तरफ एक क़ातिल है,एक तरफ एक हसीना,मै क़ातिल की तरफ गया,सोचकर की वो एक ही बार मौत देगा
ऐ जिंदगी तू सच में बहुत ख़ूबसूरत है,फिर भी तू उसके बिना अच्छी नहीँ लगती
वो तो कह कर चली गयी की मुझे कल से भूल जाना,सदियों से में "आज" को रोक कर बैठा हूँ
जख्मी दिल शायरी
शायरी मेरा शौक नहीं,ये तो मोहोब्बत की कुछ सज़ाएं हैं
परेशान न हो मै गम मै नहीं हुं,सिर्फ मुस्कराने की आदत चली गई हैं
छोटे थे तो सब नाम से बुलाते थे,बड़े हुए तो बस काम से बुलाते है.
समंदर के बीच पहुँच कर फ़रेब किया तुमने,तुम कहते तो सही.... किनारे पर ही डूब जाते हम
न करवटे थी न बेचैनियाँ थी,क्या गजब की नींद थी मोहब्बत से पहले
सुलग रही हैं अगरबितयाँ सी मुझ में,तेरी याद ने महका भी दिया और जला भी दिया
साला दिल तो सिने मैं होता है,पर जब टूटता है,तो दर्द पुरे जिस्म मैं होता है
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तू रूठी रूठी सी रहती है ऐ जिंदगी,कोई तरकीब बता तुझे मनाने की,मैं साँसें गिरवी रख दूंगा अपनी,बस तू कीमत बता मुस्कुराने की
उसने यह सोचकर अलविदा कह दिया,गरीब लोग हैं.... मुहब्बत के सिवा क्या देँगे
ऐ खुदा काश !!तेरा भी एक खुदा होता तो तुझे भी ये अहसास होता कि,दुआ कुबुल ना होने पे कितनी तकलीफ होती है
क्या बात करे यार इस दुनीया की,जो सामने है ऊसे बुरा कहते है,और जीसे कभी देखा नही ऊसे "खुदा" कहते है
ख्वाहिशों को जेब में रखकर निकला कीजिये जनाब,खर्चा बहुत होता है, मंजिलों को पाने में
दिल टूटने वाली शायरी हिंदी में
कोशिश बहुत की, राज़-ए-मुहब्बत बयाँ न हो,मुमकिन कहाँ था, आग लगे और धुआँ न हो
मुझे दुआएं दिल से मिली हैं,कभी खरीदने को जेब में हाथ नहीं डाला
आराम से कट रही थी तो अच्छी थी,जिंदगी तू कहाँ इन आँखों की, बातों में आ गयी
जिंदगी आ बैठ, ज़रा बात तो सुन,मुहब्बत कर बैठा हूँ, कोई मशवरा तो दे
तेरे ही अक्स को तेरा दुश्मन बना दियाआईने ने मज़ाक़ में सौतन बना दिया
मुझे नींद की इजाज़त भी उसकी यादों से लेनी पड़ती है,जो खुद तो सो जाता है, मुझे करवटों में छोड़ कर
मुस्कराते रहो तो दुनिया आप के कदमों मे होगी,वरना आसुओ को तो आखे भी जगह नही देती
हमें तो प्यार के दो लफ्ज ही नसीब नहीं,और बदनाम ऐसे जैसे इश्क के बादशाह थे हम
टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के,लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया है
आपकी यादें भी हैं, मेरे बचपन के खिलौनो जैसी,तन्हा होते हैं तो इन्हें ले कर बैठ जाते हैं
चिराग कोई जलाओ की हो वजूद का एहसास,इन अँधेरों में मेरा साया भी छोड़ गया मुझको
नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से,मैंने आने न दिया उसको तेरी याद से पहले
कितने मसरूफ़ हैं हम जिंदगी की कशमकश में,इबादत भी जल्दी में करते हैं फिर से गुनाह करने के लिए
थक सा गया हूँ, खुद को सही साबित करते करते,खुदा गलत हो सकता है, मगर मेरी मुहब्बत नहीं
मै झुकता हूँ हमेशा आँसमा बन के,जानता हूँ कि ज़मीन को उठने की आदत नही
तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था खबर तो रहती….सफर तय कितना करना है......!!!
प्यार में दिल टूटने वाली शायरी
जिस्म का दिल से अगर वास्ता नहीं होता,क़सम खुदा की कोई हादसा नहीं होता
तु हजार बार भी रूठे तो मना लुगाँ तुझे,मगर देख, मुहब्बत में शामिल कोई दुसरा न हो.
घर से तो निकले थे हम ख़ुशी की ही तलाश में,किस्मत ने ताउम्र का हमैं मुसाफिर बना दिया
अगर है दम तो चल डुबा दे मुजको,समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी
तूने हसीन से हसीन चेहरो को उदास किया है,ए इश्क,तू अगर इन्सान होता तो तेरा पहला कातिल मै होता
तुम्हारे ख्वाबों को गिरवी रखके,तकिये से रोज़ रात थोड़ी नींद उधार लेता हु
पलकें खुली सुबह तो ये जाना हमने,मौत ने आज फिर हमें ज़िन्दगी के हवाले कर दिया.
ज़माना जब भी मुझे मुश्किल मे डाल देता है,मेरा ख़ुदा हज़ार रास्ते निकाल देता है
गुलाम हु मै अपने घर के संस्कारो का,वरना मै भी लोगो को उनकी औकात दीखाने का हुनर रखता हुं
मोहब्बत में दिल टूटने वाली शायरी
तुम सामने आये तो, अजब तमाशा हुआ,हर शिकायत ने जैसे, खुदकुशी कर ली
एक ही बात इन लकीरों में अच्छी हैं,धोखा देती हैं, मगर रहती हाथ में ही हैं
हँस कर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर है मेरी,पर कोई हुनर काम नहीं आता, जब तेरा नाम आता हैं
तुझे हकीक़त में अक्सर लोग मुझसे छीन लेते हैं,तुम मिलने मुझसे आया करो अब सिर्फ ख़्वाबों में
उसे हम याद आते है मगर फुर्सत के लम्हों में,यह बात और है की उसे फुर्सत ही नहीं मिलती
आओ कुछ देर ज़िक्र करे उन दिनों का,जब तुम हमारे और हम तुम्हारे थे
वो मेरी होंगी तो लोट आएँगी एक दिन मेरे पास,हम जिसे प्यार करते है उसे कैद नहीं करते
ये इश्क भी क्या चीज़ है ग़ालिब,एक वो है जो धोखा दिए जाते हैं,और एक हम है, जो मौका दिए जाते हैं
जख्मी दिल शायरी
दर्द तो अकेले ही सहते हैं सभी,भीड़ तो बस फ़र्ज़ अदा करती है
मेरी फितरत ही कुछ ऐसी है कि,दर्द सहने का लुत्फ़ उठाता हु मैं
मैंने पूछा लोग कब चाहेंगे मुझे मेरी तरह,बस मुस्कुरा के कह दिया सवाल अच्छा है
लफ़्ज़ों से काश बयाँ कर पातें,ख़ामोशियाँ क्या असर करती हैं
उनकी चाल ही काफी थी इस दिल के होश उड़ाने के लिए,अब तो हद हो गई जब से वो पाँव में पायल पहनने लगे..
मोहब्बत में dil टूटने वाली शायरी
तू तो ख्वाब थी, हकीकत कभी हुईं तो नहीं,मैंने बस ख्वाब हारा है, तुझे पाने का हौसला तो नहीं
तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं,किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं
मत कर यूं बेपनाह इश्क, ऐ नादां दिल उनसे,बहुत जख़्म लगते हैं, जब उँचाई से गिरते हैं.
बात तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना,मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती
दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे,जब बरसी ख़ुशियाँ, न जाने भीड़ कहा से आई
उम्र भर चलते रहे, मगर कंधो पे आये कब्र तक,बस कुछ कदम के वास्ते गैरों का अहसान हो गया
हो सके तो अब कोई सौदा ना करना,मैं पिछली महोब्बत में जिन्दगी हार आया हूँ
तुम्हारा ख्याल भी तुम्हारी तरह मेरी नही सुनता, जब आता है तो बस आता ही चला जाता है…...
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इंसान बिकता है,कितना महँगा या सस्ता,ये उसकी मजबूरी तय करती है
आज फिर जख्मों पर नमक डाला गया है,फिर मुद्दा तेरा-मेरा आज उछाला गया है
तुम शिकायतें बहुत करती हो बिछड़ने की,पहले भी यही करती थी पर मिलने की.
दिल ने आज फिर तेरे दीदार की ख्वाहिश रखी है अगर फुरसत मिले तो ख्वाबों मे आ जाना
तुम आओ और कभी दस्तक तो दो इस दिल पर,प्यार उम्मीद से कम हो तो सज़ा-ऐ-मौत दे देना
तुम याद भी आते हो तो चुप रहते हैं,के आँखो को खबर हुई तो बरस जाएंगी
काश ये मोहब्बत ख्वाब सी होती,बस आँखे खुलती और किस्सा खत्म
हमे भी आते हैं अंदाज़ दिल तोड़ने के,हर दिल में खुदा बसता है यही सोचकर चुप हू मै
हम तो उम्र भर के मुसाफ़िर हैं,मत पूछ तेरी तलाश में कितने सफ़र किए हैं हमने.
मोहब्बत में सर झुका देना कुछ मुश्किल नहीं,रौशन सूरज भी चाँद कि ख़ातिर डूब जाता है
वो अल्फाज़ ही क्या जो समझाने पड़े,मैनें मोहब्बत की थी वकालत नहीं
zakhmi dil tute ki shayari
ये ना समझना कि खुशियो के ही तलबगार है हम,तुम अगर अश्क भी बेचो तो उसके भी खरीदार है हम
वक़्त भी लेता है करवटें कैसी कैसी,इतनी तो उम्र भी ना थी जितने सबक सीख लिए हमने
गर मुहब्बत खेल है, हमने खुद को दांव पे लगा दिया है,अब दुआ करते हैं रब से, तुम ज़रूर जीतो
इश्क़ महसूस करना भी इबादत से कम नहीं,ज़रा बताइये, छू कर खुदा को किसी ने देखा हैं
पहले तो यूँ ही गुजर जाती थी,तुमसे मोहब्बत हुई तो रातों का एहसास हुआ
मेरे दुश्मन भी, मेरे मुरीद हैं शायद,वक़्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं,मेरी गली से गुज़रते हैं छुपा के खंजर,रु-ब-रु होने पर सलाम किया करते हैं.
ना तेरे आने कि खुशी ना तेरे जाने का गम,गुजर गया वो जमाना जब तेरे दीवाने थे हम
वो मोबाइल के एक फोल्डर में तेरी तस्वीरें इकठ्ठा की है मैंने,बस इसके सिवा और ख़ास कुछ जायदाद नहीं है मेरी
दुआ करते हैं हम सर झुका के,आप अपनी मंज़िल को पाए,अगर आपकी राहों मे कभी अंधेरा आए, तो रोशनी के लिए खुदा हमको जलाए.
आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है, भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है.
मेरे दिल में ज्यादा देर तक रुकता नहीं कोई, लोग कहते हैं मेरे दिल में साया है तेरा
गुजर जायेगा ये दौर भी, जरा सा इत्मिनान तो रख, जब खुशिया ही नहीं ठहरी, तो गम की क्या बिसात.
dard bhari zakhmi dil ki shayari
पगली तेरी मोहब्बत ने मेरा ये हाल कर दिया है,मैं नहीं रोता, लोग मुझे देख कर रोते हैं
करती है बार बार फोन, वो ये कहने के लिए,कि जाओ, मुझे तुमसे बात नही करनी
दिए हैं ज़ख़्म तो मरहम का तकल्लुफ न करो,कुछ तो रहने दो, मुझ पे एहसान अपना
कोई ठुकरा दे तो हँसकर जी लेना,क्यूँकि मोहब्बत की दुनिया में जबरदस्ती नहीं होती
सजा मेरे हिस्से की उनको बस इतनी ही देना मेरे मौला,तारे मै गिनता रहु और वो रात-भर करवटे बदलती रहे
ना करूं तुझको याद तो खुदकी साँसों में उलझ जाता हूँ मैं,समझ नहीं आता की ज़िन्दगी साँसों से हे या तेरी यादों से
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जिनके आँगन में अमीरी का पेड लगता है,उनका हर ऐब ज़माने को हुनर लगता है
न तेरी शान कम होती न रुतबा ही घटा होता,जो गुस्से में कहा तुमने वही हँस के कहा होता.
खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो,दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो,देर हो गयी याद करने में जरूर,लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो.
दिल से तेरी याद को जुदा तो नहीं किया,रखा जो तुझे याद कुछ बुरा तो नहीं किया,हम से तू नाराज़ हैं किस लिये बता जरा,हमने कभी तुझे खफा तो नहीं किया
तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी,तुम्हारे बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी,क्या कहे क्या गुजरेगी इस दिल पर,जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी
हम रूठे भी तो किसके भरोसे रूठें,कौन है जो आयेगा हमें मनाने के लिए,हो सकता है तरस आ भी जाये आपको,पर दिल कहाँ से लायें आपसे रूठ जाने के लिये
देखा है आज मुझे भी गुस्से की नज़र से,मालूम नहीं आज वो किस-किस से लड़े है.
बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से,हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से,तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले,कोई बिखर गया है तेरे रूठ जाने से..
खता न मेरी थी न उनका कसूर था , हम दोनो दुनिया की रिवायतें निभाते रहे, वो दोस्ती का रिश्ता निभाते रहे, हम दिल में चाहत छुपाते रहे
उम्मीद नहीं उनसे मुलाकात की, कयामत से इंतज़ार कर रहा हूँ, खुदा जाने राह ना दुरूस्त है यां मंजिल
सच्चा प्यार वही होता है जो अपनी गलती ना होने पर भी,अपना रिश्ता बचाने के लिए sorry बोल देते है
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उम्मीद है आपको हमारी Jakhmi Dil Shayari, जख्मी दिल शायरी पसंद आयी होगी.
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