Aaj ka suvichar , सुविचार अनमोल वचन संग्रह aaj ke anmol vichar khuda mera bhi hai kab tak mujhe rulayega , aaj pareshan hu to kal sakoon bhi ayega .latest god shayari dard bhari shayari .
जो चीज आपके लिए फालतू हो, हो सकता है
वो किसी और के लिए जिंदगी की लकीर हो
अपने शब्दों में ताकत डालें, आवाज में नहीं''
''क्यूंकि बारिश से फूल उगते हैं, बाढ़ से नहीं'
गलतफहमियों के सिलसिले इतने दिलचस्प हैं,
कि हर “ईंट” सोचती है, दीवार ; मुझ पर टिकी है
बाँसुरी से सीखा है, मैने एक नया सबक-ऐ-ज़िन्दगी,
लाख जख्म हो सीने में, फिर भी गुनगुनाती रहती है
रिश्ते ओर रास्ते तब खत्म होते हैं,,
जब पैर नही दिल थक जाते हैं
अपनों की यादें खुशबू की तरह होती हैं।
चाहे कितनी भी खिड़की दरवाजे
बन्द कर लो हवा के झोंके के साथ
अन्दर आ ही जाती हैं
छोटी छोटी बातें दिल में रखने से बड़े बड़े रिश्ते कमजोर हो जाते हैं
जब छोटे थे तब बड़े होने की बड़ी चाहत थी!
पर अब पता चला कि:
अधूरे एहसास और टूटे सपनों से;
अधूरे होमवर्क और टूटे खिलौने अच्छे थे!
अच्छा वक्ता बनना है तो अच्छे श्रोता बनो,
अच्छा लेखक बनना है तो अच्छे पाठक बनो,
अच्छा राजा बनना है तो अच्छा नागरिक बनो
अच्छा स्वामी बनना है तो अच्छे नौकर बनो
“तुम सोने से पहले सबको माफ कर दिया करो”
मैं“सुबह उठने से पहले तुमको माफ कर दूंगा”
माफ करो और भूल जाओ
कभी पीठ पीछे आपकी बात चले तो घबराना मत …
बात तो “उन्हीं की होती है”.. जिनमें कोई ” बात ” होती है…
इंसान पहले भिखारी बन कर, भगवान से हाथ जोड़ कर मांगता है..
फिर गर्व से उसी भगवान को दान देकर, नीचे अपना नाम लिख आता है.
जब लोग किसी को पसंद करते हैं, तो उसकी बुराईयाँ भूल जाते हैं;
और जब किसी से नफरत करते हैं, तो उसकी अच्छाईयां भूल जाते हैं!
कई विषयों के बारे में थोडा थोडा ज्ञान होने से बेहतर है
कि केवल कुछ या केवल एक विषय में ही
मनुष्य निपुण यानि निष्णात हो !
तात्पर्य यह कि बहुत विषयों के कुछ कुछ ज्ञान से केवल
कुछ विषय का पूरा ज्ञान होना अच्छा है
आज परेशान हूँ तो कल सकून भी आएगा
ईश्वर मेरा भी हैं कब तक मुझे रुलाएगा .
आज का सुविचार
शादी सिर्फ अपनी गर्लफ्रेंड से करना
वरना आपके घर वाले आपकी शादी
किसी दूसरे की गर्ल्स फ्रेंड से करवा देंगे
सुप्रभात
फर्क होता है खुदा और फकीर मे,
फर्क होता है किस्मत और लकिर मे,
अगर कुछ चाहो और वो न मिले,
तो समझ लेना की कुछ और अच्छा लिखा है तकदीर मे.
नफ़रतों के शहर में चालाकियों के डेरे हैं .
यहाँ वो लोग रहते हैं ,
जो तेरे मुँह पे तेरे हैं मेरे मुँह पे मेरे हैं
आज आईने के सामने खड़े होकर खुद से माफ़ी मांग ली मैंने .
.. सबसे ज़्यादा खुद का ही दिल दुखाया है औरों को खुश करने में
नहीं बदल सकते हम खुद को औरों के हिसाब से
एक लिबास हमें भी दिया है खुदा ने अपने हिसाब से
इस जीवन की चादर में सांसों के ताने बाने हैं'।
दुख की थोड़ी सी सलवट हैं , सुख के कुछ फूल सुहाने हैं
डूबे हुओं को, हमने बिठाया था अपनी कश्ती में यारो.
और फिर कश्ती का बोझ कहकर, हमे ही उतारा गया
हित चाहने वाला पराया भी अपना है,
और अहित करने वाला अपना भी पराया है
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