Bewafa shayari in hindi बेवफा शायरी इन हिंदी फॉर बॉयफ्रेंड,जबरदस्त बेवफाई शायरी बेवफा शायरी इन हिंदी इमेज.
हमने चाहा😗 था जिसे _उसे दिल से भुलाया न गया, जख्म अपने दिल का 💤लोगों से छुपाया न गया, बेवफाई के बाद _भी प्यार करता है💖 दिल उनसे, कि बेवफाई का इल्ज़ाम भी _उस पर लगाया न गया।
लिख-लिख कर_ मिटा दिए तेरी 😊बेवफाई के गीत, किया करती💖 थी तू भी वफ़ा एक_ ज़माने में।
मैंने कुछ इस _तरह से खुद को 💘संभाला है, तुझे भुलाने को दुनिया का भरम पाला है, अब किसी से मुहब्बत_ मैं कर नहीं पाता, इसी 💢सांचे में_ एक बेवफा ने मुझे ढाला है
हसीं चेहरों💆 के लिए आईने _कुर्बान किये हैं, इस शौक में_ अपने बड़े नुकसान किये हैं, महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर_ है बहुत खुश, जिस शख्स_ पर मैंने बड़े💝 एहसान किये है।
उसके_ तर्क-ए-मोहब्बत का💢 सबब होगा कोई, जी नहीं👐 मानता कि वो _बेवफ़ा पहले से था।
हर रात _उसको इस तरह ☺से भुलाता हूँ, दर्द को 💕सीने में दबा_ के सो जाता हूँ।
सर्द हवाएँ _जब भी चलती हैं 👮रात में, हाथ सेंकने💖 को अपना ही _घर जलाता हूँ।
''कसम दी थी _उसने कभी न रोने की मुझे, यही वजह है कि आज💭 भी मुस्कुराता हूँ,,
हर काम किया मैंने _उसकी खुशी के लिए, तब भी_ जाने क्यों बेवफा💚 कहलाता हूँ।
मुझे इश्क है _बस तुमसे नाम बेवफा मत देना, गैर जान कर मुझे इल्जाम बेवजह _मत देना, जो दिया है_ तुमने वो दर्द हम सह लेंगे मगर, किसी और को 💧अपने प्यार की _सजा मत देना।
वो जमाने में यूँ ही _बेवफ़ा मशहूर हो 😓गये दोस्त, हजारों चाहने_ वाले 👨थे किस-किस से वफ़ा करते
तेरा 💘ख्याल दिल _से मिटाया नहीं अभी, बेवफा मैंने तुझ को भुलाया _नहीं💟 अभी।
किसी की💂 खातिर _मोहब्बत की इन्तेहाँ कर दो, लेकिन इतना _भी नहीं कि उसको खुदा कर दो,
मत चाहो किसी को टूट कर_ इस कदर इतना, कि अपनी _वफाओं से उसको👭 बेवफा कर दो।
बेवफाई _उसकी दिल से मिटा✌ के आया हूँ, ख़त भी उसके पानी में _बहा के आया हूँ, कोई पढ़ न_ ले उस बेवफा की यादों को, इसलिए पानी😔 में भी आग लगा _कर आया हूँ
उसने महबूब _ही तो बदला है फिर 😊ताज्जुब कैसा, दुआ कबूल ना 😖हो तो लोग खुदा _तक बदल लेते है।
कैसे मिलेंगे_ हमें चाहने वाले बताइये, दुनिया खड़ी है राह में _दीवार की तरह, वो बेवफ़ाई_ करके भी शर्मिंदा ना हुए, सजाएं मिली हमें_ गुनहगार की तरह।
तस्वीर में भी_ बदले हुए हैं उनके तेवर, आँखों में मुरब्बत का कहीं _नाम नहीं है।
समेट कर ले जाओ _अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्सेअगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी _ज़रूरत पड़ेगी।
जो जले थे _हमारे लिऐ, बुझ रहे हैं_ वो सारे दिये, कुछ अंधेरो ने_ की थी साजिशें,कुछ_ उजालों ने धोखे दिये.
इश्क़ ने जब माँगा _खुदा से दर्द का हिसाब, वो बोले हुस्न वाले ऐसे ही बेवफाई _किया करते हैं।
वफ़ा की _तलाश करते रहे हम,बेबफाई में अकेले _मरते रहे हम, नहीं मिला_ दिल से चाहने वाला,खुद से ही बेबजह डरते_ रहे हम,
वो बेवफाई_ हम से करते ही रहेदिल से उन पर मरते _रहे हम।
कभी ग़म तो _कभी तन्हाई मार गयी, कभी याद आ कर उनकी _जुदाई मार गयी, बहुत टूट _कर चाहा जिसको हमने,आखिर में उनकी ही_ बेवफाई मार गयी
इश्क़ के खुमार _में उसे अपनी जिंदगी बना लिया,जब भी उसकी याद आई दिल_ थामकर रो लिया,वफ़ा का नाम_ देकर उसने बेबफाई की तो क्या हुआ, जिंदगी थी वो मेरी उसके दिए सारे _ग़म बर्दाश्त कर लिया।
टूटे हुए 👍दिल ने _भी उसके 💔लिए दुआ मांगी, मेरी 💜साँसों ने हर पल_ उसकी ख़ुशी मांगी, न जाने कैसी _दिल्लगी थी उस बेवफा से, कि मैंने आखिरी💢 ख्वाहिश में_ भी उसकी वफ़ा मांगी।
जो हुकुम करता है, _वो इल्तज़ा भी करता है, आसमान कही _झुका भी करता है, और तू बेवफा _है तो ये खबर भी सुन ले, इन्तेज़ार मेरा कोई वहा _भी करता है.
आग दिल में लगी जब_ वो खफ़ा हो गए, महसूस हुआ _तब जब वो जुदा हो गए, करके वफ़ा _कुछ दे ना सके वो हमें, पर बहुत कुछ दे गए जब _बेवफ़ा हो गए ।
रात की _गहराई आँखों में उतर आई, कुछ ख्वाब थे और कुछ _मेरी तन्हाई, ये जो पलकों_ से बह रहे हैं हल्के हल्के, कुछ तो मजबूरी थी कुछ _तेरी बेवफाई
ना पूछ मेरे _सब्र की इंतेहा कहाँ तक है, तू सितम कर ले, तेरी _हसरत जहाँ तक है वफ़ा की_ उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा _कहाँ तक है।
इंसान के _कंधों पर इंसान जा रहा था, कफ़न में लिपटा अरमान_ जा रहा था, जिसे भी_ मिली बे-वफ़ाई मोहब्बत में, वफ़ा की तलाश में श्मशान_ जा रहा था
वफ़ा के_ नाम से मेरे सनम अनजान थे, किसी की बेवफाई से_ शायद परेशान थे, हमने वफ़ा देनी _चाही तो पता चला… हम खुद _बेवफा के नाम से बदनाम थे।
कैसी _अजीब तुझसे यह जुदाई थी, कि तुझे अलविदा भी_ ना कह सका, तेरी _सादगी में इतना फरेब था, कि तुझे बेवफा भी ना _कह सका।
बिछड़ के_ तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है, यह साँस 😔भी जैसे मुझ से ख़फ़ा _लगती है, तड़प _उठता हूँ दर्द के मारे,
ज़ख्मों को_ जब तेरे शहर की हवा लगती है, अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ_ तो किस से करूँ, मुझ को_ तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।
तेरी चौखट _से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना, तेरे सिवा किसी💑 और को चाहूँ _तो बेवफा कहना, मेरी वफाओं _पे शक है तो खंजर उठा लेना, मैं शौक से मर ना जाऊं तो_ बेवफा कहना ।
पहले इश्क_ फिर धोखा फिर बेवफ़ाई, बड़ी तरकीब से एक शख्स _ने तबाह किया
मेरी _तलाश का है जुर्म या मेरी वफा_ का क़सूर, जो_ दिल के करीब आया वही बेवफा _निकला।
पहले_ ज़िन्दगी छीन ली मुझसे, अब मेरी मौत का वो_ फायदा उठाती है, मेरी कब्र _पे फूल चढाने के बहाने, वो किसी और से मिलने _आती है।
तेरे इश्क़ _ने दिया सुकून इतना,कि तेरे बाद कोई _अच्छा न लगे,तुझे करनी है_ बेवफाई तो इस 😞अदा से कर, कि तेरे बाद कोई _बेवफ़ा न लगे
भले किसी _ग़ैर की जागीर थी वो, पर मेरे😌 ख्वाबों की तस्वीर_ थी वो, मुझे _मिलती तो कैसी मिलती… किसी और के हिस्से की_ तकदीर थी वो
हमें न_ मोहब्बत मिली न प्यार मिला, हम को जो भी मिला बेवफा_ यार मिला ।
बेवफायी_ का मौसम भी अब यहाँ आने _लगा है,वो _फिर से किसी और को देख कर😐 मुस्कुराने लगा है ।