रंगोली की शुरुआत आज से 28 लाख वर्ष पहले हुयी थी.रंगोली भारतीय रीती रिवाज़ों में से एक बहुत प्यारी रीत है. हर ख़ुशी के मोके पर शादी विवाह जनम दिन या कोई त्यौहार हो रंगों के मिलान का जादू देखने को मिल जाता है .महिलाएं बहुत उत्साह के से साथ अपने घर के आंगन को सजाने के लिए रंगोली बनाती है . दिवाली में तो हर घर में रंगोली बनाने की प्रथा चली आ रही है .
भगवन राम सीता जी के अयोध्या लौटने पर बनाई थी रंगोली
रंगोली की शुरुआत आज से 28 लाख वर्ष पहले हुयी थी ,इस आर्टिकल में आपको रंगोली की असली कथा मिलेगी . और इसके साथ रंगोली की बहुत प्यारी फोटो फ्री डाउनलोड के लिए मिलेगी .रंगोली की शुरुआत की असली कथा ये है की जब भगवन राम जी सीता सहित वनवास से बापिस आए थे , उस समय नगर वासिओं ने उनके स्वागत के लिए देसी घी के दिए जलाये थे , और आँगन में रंग-विरंगी रंगोली बनाई थी . कहते है , उस समय पटाके नहीं हुआ करते थे . इस लिए अयोध्या बासीओं ने बहुत ख़ुशी और शांति के साथ पूरे नगर को दीयों के साथ जगमगा दिया था .
रंगोली से आती है समृद्धि
कहते हैं दिवाली के शुभ अवसर पर रंगोली बनाने से घर में लक्ष्मी जी का आगमान होता है , घर में ख़ुशी का माहौल बना रहता है, और जब कोई अपने ईश्वर के स्वागत के लिए रंगोली बनाता है .तो प्रभु भी उनके जीवन में खुशिओं के रंग भर देते है .
रंगोली कैसे बनाते है
पुराने समय में जब संसाधनों का अभाव होता था , उस समय रंगोली बनाने के लिए चावल के आते का प्रयोग किया जाता था. उसमे पानी मिलकर थोड़ा सा रंग मिलकर रंगोली बनाई जाती थी . अब आधुनिक समय में बाजार से रंगों के बने बनाये पैकेट मिल जाते है .ज्यादातर लोग उन्ही रंगों का प्रयोग किया जाता है .रंगोली बनाने के लिए .