रुद्राष्टाध्यायी पीडीएफ डाउनलोड करें या ऑनलाइन पढ़ें Rudrashtadhyayi PDF free download

रुद्राष्टाध्यायी  पीडीएफ डाउनलोड करें या ऑनलाइन पढ़ें   Rudrashtadhyayi PDF free download


download pdf

सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका:।
रुद्रात्प्रवर्तते बीजं बीजयोनिर्जनार्दन:।।
यो रुद्र: स स्वयं ब्रह्मा यो ब्रह्मा स हुताशन:।
ब्रह्मविष्णुमयो रुद्र अग्नीषोमात्मकं जगत्।।


रुद्राष्टाध्यायी  अध्याय 

प्रथम अध्याय                 = 10 श्लोक
द्वितीय अध्याय               = 22 श्लोक
तृतीय अध्याय                = 17 श्लोक
चतुर्थ अध्याय                 = 17 श्लोक
पंचम अध्याय                  = 66 श्लोक
षष्ठम अध्याय                  = 8 श्लोक
सप्तम अध्याय                 = 7 श्लोक
अष्टम अध्याय                 = 29 श्लोक
शान्त्यध्याय:                  = 24 श्लोक
स्वस्तिप्रार्थनामंत्राध्याय:  = 13 श्लोक
रुद्राष्टाध्यायी शुक्लयजुर्वेद का मुख्य भाग है। इसमें मुख्यत: आठ अध्याय हैं पर अंतिम में शान्त्यध्याय: नामक नवम तथा स्वस्तिप्रार्थनामन्त्राध्याय: नामक दशम अध्याय भी हैं। इसके प्रथम अध्याय में कुल 10 श्लोक है तथा सर्वप्रथम गणेशावाहन मंत्र है, प्रथम अध्याय में शिवसंकल्पसुक्त है। द्वितीय अध्याय में कुल 22 वैदिक श्लोक हैं जिनमें पुरुसुक्त (मुख्यत: 16 श्लोक) है। इसी प्रकार आदित्य सुक्त तथा वज्र सुक्त भी सम्मिलित हैं। पंचम अध्याय में परम् लाभदायक रुद्रसुक्त है, इसमें कुल 66 श्लोक हैं। छठें अध्याय के पंचम श्लोक के रूप में महान महामृत्युंजय श्लोक है। सप्तम अध्याय में 7 श्लोकों की अरण्यक श्रुति है प्रायश्चित्त हवन आदि में इसका उपयोग होता है। अष्टम अध्याय को नमक-चमक भी कहते हैं जिसमें 24 श्लोक हैं।
एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने