लड़की: [गुस्से से] देख तू न मेरे से दूर रहने की कोशिस करना। जहा जाऊ वही पे देखता रहता हे| आखिर तू हे कौन मेरा। तू तो मेरा दोस्त भी नहीं बन सकता |
लड़का: [डर से] ठीक है।
लड़की: क्या ठीक है, तू मेरी कसम खाके बता आज से मेरी तरफ नहीं देखेगा !
लड़का: नहीं खा सकता......................
लड़की: क्यों नहीं खा सकता ,क्या तू मुझसे पसंद करता है......?
लड़का: नहीं
लड़की: क्या मै तेरी ज़रूरत हूँ.......?
लड़का: नहीं
लड़की: [जोर से] तो क्या मेरी ज़िन्दगी से तुझे शिकायत है...........?
लड़का: नहीं
लड़की: क्या भगवान के लिए मुझे भूल पायेगा...........?
लड़का: शायद
लड़की: हां, यही करना जितनी जल्दी हो सके मुझे भूल जाना। बहत बड़ी मेहेरबानी होगी !
{ इतना बोलने के बाद लड़की जाने लगती है, और अचानक लड़का उसका हाथ पकड़ लेता है और दिल पे हाथ रखके कहता है }
लड़का:
>> में तुम्हारा दोस्त नहीं हूँ पर एक तरफ़ा आशिक़ हूँ।
>>तुम मेरी ज़रूरत नहीं हो बल्कि मेरी आदत हो।
>>मुझे तुम्हारी ज़िन्दगी से कोई शिकायत नहीं हैं क्योकि तुम ही मेरी ज़िन्दगी हो।
>>हां सायद ये सही बात है की अगर मेरी ज़िन्दगी में कोई और आई तो तुमको भूलने लग जाऊ। पर सच तो ये है की में तुम को कभी भूलना ही नहीं चाहता
{ इतने में लड़की रोने लगती है और कहती है }
लड़की: "इतना प्यार कोई किसीको कैसे कर सकता है वो भी मेरी जैसी को। लोग मेरी खूबसूरती की बहत तारीफ करते थे, तो मुझे ये लगता था की में बेस्ट हूँ पर तुम्हारे प्यार के सामने तो मेरी खूबसूरती कुछ भी नहीं है। लेकिन में तो किसी और की मोहब्बत हूँ"
लड़का: तो क्या हुआ में तो तुम्हारा हूँ।
लड़की: सायद में तुम्हारी प्यार की लायक नहीं हूँ। क्या तुम किसी और को प्यार कर पाओगे ..........?
लड़का: [Attitude से ] खुद से नफरत होने लगी है जब से तुमने कहा की तुम किसी और की हो
लड़की: फिर तुम्हारी प्यार की कहानी कैसे खतम होगी.............?
लड़का: [Attitude से] वो प्यार ही क्या जहा कहानी खतम हो जाये ....
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