Gam Bhari Shayari दोस्तों यहाँ गम शायरी और दर्द भरी शायरी है जिसे आप अपने दोस्तों से साथ शेयर कर आपके टूटे दिल का दर्द बयां कर सकते है। जब किसी का दिल टूटता है तो इस टूटे दिल का दर्द बयां करने के लिए ये Gam Bhari Shayari Best तरीका है क्योंकि dard Shayari में आपके दिल के एक-एक अल्फाज नजर आते है।
कल रात का आलम इस कदर था यारो,
उसकी यादों ने मेरी आँखो को सोने ना दिया
कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ..
की खुदा नूर भी बरसाता है 🏵आज़माइशों के बाद
हमे क्या पता था, आसमान इस कदर रो पडेगा,
हमने तो बस उसे अपनी दास्तां सुनाई थी!
छोड़ दिया हमने तेरे ख्यालों में जीना,
अब हम लोगों से नहीं, लोग हमसे मोहब्बत करते है।
लगा कर आग सीने में, चले हो तुम कहाँ,
अभी तो राख उड़ने दो, तमाशा और भी होगा।
मैने माँगा था थोड़ा सा उजाला अपनी जिंदगी में,
चाहने वालों ने तो आग ही लगा दी।
आदत बदल सी गई है वक्त काटने की,
हिम्मत ही नहीं होती अपना दर्द बांटने की।
मैंने दरवाज़े पे ताला भी लगा कर देखा लिया,
पर ग़म फिर भी समझ जाते है की मैं घर में हूँ
लिखी है खुदा ने मोहब्बत सबकी तक़दीर में,
हमारी बारी आई तो स्याही ही ख़त्म हो गई
मुस्कुराने की अब वजह याद नहीं रहती,
पाला है बड़े नाज़ से… मेरे गमों ने मुझे!
दुनिया फ़रेब करके हुनरमंद हो गई
हम ऐतबार करके गुनाहगार हो गए
शुक्र करो कि हम दर्द सहते हैं, लिखते नहीं
वरना कागजों पर लफ़्ज़ों के जनाज़े उठते।
जागना कबूल हैं तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में अब कहाँ
ज़िन्दगी की हर शाम, हसीन हो जाए
अगर मेरी मोहब्बत मुझे, नसीब हो जाये
समझदार ही करते है अक्सर गलतिया
कभी देखा है, किसी पागल को मोहब्बत करते
तलब ऐसी कि अपनी सांसों में समा लू तुझे,
किस्मत ऐसी कि देखने को भी मोहताज हूँ तुझे
न ज़ख्म भरे, न शराब सहारा हुई,
न वो वापस लोटी, न मोहब्बत दोबारा हुई.
छोड़कर अपनी यादों की निशानियां मेरे दिल में
वो भी चले गये वक्त की तरह।
हम तो नरम पत्तों की शाख़ हुआ करते थे,
छीले इतने गए कि खंज़र हो गए
कभी फुर्सत मिले तो सोचना जरूर,
एक लापरवाह लड़का क्यों तेरी परवाह करता था…
पलकों की हद तोड़ के, दामन पे आ गिरा,
एक आसूं मेरे सब्र की, तोहीन कर गया।
न जाने कौन सी साजिशों के हम शिकार हुए,
जितना साफ दिल रखा उतने ही हम दागदार हुए।
हर दोस्त की तनहाइयां दूर की!लेकिन हर मोड़ पर आज खुद को अकेला पाया!!
आपने नज़र से नज़र कब मिला दी,हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी,जुबां से तो हम कुछ भी न कह सके,पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी..
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा,कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा,पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला,मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा..
आँखों मे आ जाते हैं आँसू,फिर भी लबो पे हँसी रखनी पडती है,ये मुहब्त भी क्या चीज है यारों,जिस से करते हैं उसी से छुपानी पडती हैं..
आंखों देखी कहने वाले, पहले भी कम-कम ही थे,अब तो सब ही सुनी-सुनाई बातों को दोहराते है..
आँखों के सामने हर पल आपको पाया हैं,अपने दिल में भी सिर्फ आपको ही बसाया हैंआपके बिना हम जिए भी तो कैसे,भला जान के बिना भी कोई जी पाया हैं..
एक अजीब सा मंजर नज़र आता हैं,हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं,कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं..
आज किसी की दुआ की कमी है,तभी तो हमारी आँखों में नमी है,कोई तो है जो भूल गया हमें,पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है..
उल्फत का यह दस्तूर होता है,जिसे चाहो वही हमसे दूर होता है,दिल टूट कर बिखरता है इस क़द्र जैसे,कांच का खिलौना गिरके चूर-चूर होता है!
उमर की राह मे रस्ते बदल जाते हैं,वक्त की आंधी में इन्सान बदल जाते हैं,सोचते हैं तुम्हें इतना याद न करें,लेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते
उड़ा भी दो सारी रंजिशें इन हवाओं में यारो,छोटी सी जिंदगी है नफ़रत कब तक करोगे,घमंड न करना जिन्दगी मे तकदीर बदलती रहती है,शीशा वही रहता है बस तस्वीर बदलती रहती है..
आसूं तो कभी खुशी देखी..हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी..उनकी नाराजगी को हम क्या समझे..हमने खुद कि तकदीर की बेबसी देखी
कुछ लोग दिल पर इस तरह असर कर जाते हैं,टूटे हुए शीशों मे भी साबुत नज़र आते हैं,मिलते तो हैं घड़ी भर के लिए,मगर दिल में उतर जाते हैं..
ऐसे तेरी कमी सी लगती है,आग जैसे हवा से सुलगती है,याद आते है लम्हे सब बीते हुए,जैसे जैसे यह शाम ढलती है..
ऐ समन्दर मैं तुझसे वाकिफ हूं मगर इतना बताता हूं,वो आंखें तुझसे ज्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूं..
ऐ दोस्त जिदगी भर मुझसे दोस्ती निभाना,दिल की कोई भी बात हमसे कभी ना छुपाना,साथ चलना मेरे दुख सुख मे,भटक जाऊ मै कभी तो सही रास्ता दिखलाना।
एक दिन जब हम दुनिया से चले जायेंगे ,मत सोचना हम आपको भूल जायेंगे,बस एक बार आसमान के तरफ देखना,मेरे पैगाम सितारों पर लिखे नज़र आएंगे..
एक तो तुम हसीन इतने हो,उस पर अलफ़ाज़ भी रखते हो,तुम ही कहो कोई क्यों ना दिल हारे,दिलकश शायराना अंदाज़ भी रखते हो।
कहाँ मांग ली थी कायनात मैंने,जो इतना दर्द मिला,ज़िन्दगी में पहली बार खुदा,तुझसे ज़िन्दगी ही तो मांगी थी।।
कभी रो लेने दो अपने कंधे पर सिर रखकर मुझे,कि दद॔ का बवंडर अब संभाला नही जाता,कब तक छुपा कर रखें आखों मे इसे,कि आसुओं का समन्दर अब संभाला नही जाता..
कहीं किसी रोज़ यूँ भी होता,हमारी हालत तुम्हारी होती,जो रात हमने गुज़ारी तड़प कर,वो रात तुमने गुज़ारी होती।
ज्यादा जोर से पकड़ो, तो धागे टूट जाते है,ये रिस्ते आइने से नाजुक गर छूटे तो फूट जाते है,उन्हें मनाये तो बोलो कैसे मनाये?जो थोड़े से मजाक में हमसे रूठ जाते है..
जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें,आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगे,ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया,वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें..
छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर,जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर,तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर.
खूबियाँ इतनी तो नही हम मे,कि तुम्हे कभी याद आएँगे,पर इतना तो ऐतबार है हमे खुद पर,आप हमे कभी भूल नही पाएँगे..
कोई आँखों आँखों में बात कर लेता है,कोई आँखों आँखों में इकरार कर लेता है,बड़ा मुश्किल होता है जवाब दे पाना,जब कोई खामोश रहकर भी सवाल कर लेता है !
कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,चलो ऐसा करो भूला दो मुझको,तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये,दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको..
जिसके लिए चले थे सफर पर,वो तो रास्ते में ही छोड़ गए,अब रास्ता कही भी ले चले,मंजिल से अपना कोई वास्ता नही.
जिस दिन बंद कर ली हमने आंखें,कई आँखों से उस दिन आंसु बरसेंगे,जो कहते हैं के बहुत तंग करते है हम,वही हमारी एक शरारत को तरसेंगे..
ज़िन्दगी मुस्कुरा कर बोलीमुझसे की हर सवाल का जवाब तुझ में हैं ,ढूँढना है तोह खुद को पहचान,फिर कहलायेगा तू सच्चा इंसान
जिन्दगीं में उस का दुलार काफी हैं,सर पर उस का हाथ काफी हैं,दूर हो या पासक्या फर्क पड़ता हैं,माँ का तो बस एहसास ही काफी हैं !
बार-बार आईना पोंछामगर हर तस्वीर धुंधली थी,न जाने आईने पर ओस थीया हमारी आँखें गीली थीं
ज़िंदा है शाहजहाँ की चाहत अब तक,गवाह है मुमताज़ की उल्फत अब तक,जाके देखो ताज महल को ए दोस्तों,पत्थर से टपकती है मोहब्बत अब तक..
जिंदगी में कई उजले सवेरे गए,फूलों से चुनकर रंग बिखेरे गए,दस्तूर-ए-जिंदगी से न बच सके मगर,वक्त की साजिश में हम भी घेरे गए..
जितना हीं मेरा मिज़ाज है सादा,उतने हीं मुझे उलझे हुए लोग मिले..
तूफान मे लोगों को किनारे मिलते हैं,जहाँ मे लोगों को सहारे भी मिलते हैं,दुनिया मे सबसे प्यारी है ज़िंदगी,कुछ लोग ज़िंदगी से भी प्यारे मिलते हैं..
तन की खूबसूरती एक भ्रम है,पर सबसे खूबसूरत आपकी वाणी है,चाहे तो दिल जीत ले,चाहे तो दिल चीर दे..
टूट जायेंगी तेरी ज़िद की आदत उस वक़्त,जब मिलेगी ख़बर तुझे की यादकरने वाला अब याद बन गया है।
सोचा था इस कदर उनको भूल जाएँगे,देखकर भी अनदेखा कर जाएँगे,पर जब जब सामने आया उनका चेहरा,सोचा इस बार देखले,अगली बार भूल जाएँगे..
जो अपनी कमजोरियों मे आग लगा सकते है,उन्हें हक है वो सूरज से आंख मिला सकते है,बुलंदिया ही जिनका मकसद बन गई हों,
जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थेहममरना चाहा तो जीने को मजबूर थेहमसर झुका कर कबूल कर लीहर सजाबस कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम।
हमारी गलतियों से कही टूट न जाना,हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं,इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना,
जब मिलो किसी से तोजरा दूर का रिश्ता रखना,बहुत तङपाते हैँ अक्सरसीने से लगाने वाले
हमसे पूछो क्या होता है पल पल बिताना,बहुत मुश्किल होता हैदिल को समझाना,यार ज़िन्दगी तो बीत जायेगी,बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना..
समझ नहीं पाता की टूट कर
बिखर जाऊँ या मर जाऊँ,
जब वो मेरे काँधे पर रोते है,
किसी और की मोहब्बत मेँ
उलझी शाम को पाने की ज़िद न करो;
जो ना हो अपना उसे अपनाने की ज़िद न करो;
इस समंदर में तूफ़ान बहुत आते है;
इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद न करो।
आसमां में मत दूंढ अपने सपनों को,
सपनों के लिए ज़मीं भी जरूरी है,
सब कुछ मिल जाए तो जीने का क्या मज़ा,
जीने के लिये एक कमी भी जरूरी है
आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है,
न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है,
यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,
उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है..
हुआ था शोर पिछली रात कोदो चाँद निकले हैं,
बताओ क्या ज़रूरत थीं तुम्हे छत पर टहलने की
होठो पे हसी आंखो मे मजबूरी सी लगी,
ज़िन्दगी मे पहेली बार किसी
की दोस्ती इतनी ज़रूरी लगी.
इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद,
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख्यालों के बाद,
मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी,
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद
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