कोरोना पर कविता | CORONA PAR KAVITA HINDI ME


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कल रात सपने में आई कोरोना....
उसे देख जो मैं डरा
तो मुस्कुरा के बोली --मुझसे डरो ना।।
उसने कहा-" *कितनी अच्छी है तुम्हारी संस्कृति ।* 
 *न चूमते ,न हाथ मिलते* 
 *दोनों हाथ जोड़ कर  स्वागत करते ।।* वहीं करो ना
मुझसे डरो ना।

 *कहाँ से सीखा तुमने ??* 
 *रूम स्प्रे ,बॉडी स्प्रे ,* 
 *पहले तो तुम धूप , दीप कपूर अगरबत्ती ,लोभान जलाते* 
 वही करो ना ,
मुझसे डरो ना!!!

शुरू से तुम्हें सिखाया गया 
 *अच्छे से हाथ पैर धोकर घर में घुसो,* 
 *मत भूलो अपनी संस्कृति* 
वही करो ना 
मुझसे डरो ना!!

उसने कहा " *सादा भोजन उच्च विचार'"* 
यही तो है तेरे संस्कार।
 *उन्हें छोड़ जंक फूड फ़ास्ट फूड के चक्कर में पड़ो ना* 
मुझसे डरो ना !!!

उसने कहा "" *शुरू से ही अमुक जानवरों को पाला पोसा प्यार दिया "* 
 *रक्षण की है तुम्हारी संस्कृति ,उनका भक्षण करो ना* 
मुझसे डरो ना !!

कल रात मेरे सपने में आई *कोरोना* 
बोली *मुझसे डरो ना* !

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