दर्द भरी शायरी हिंदी में dard bhari shayari status in hindi

दर्द भरी सैड शायरी हिंदी में dard bhari shayari status in hindi

आँखों में आंसुओं की लकीर बन गई सोचा नहीं था वैसे तक़दीर बन गई हमने तो यू ही फेरा था रेट पे उगली देखा

ये गजलें, गीत,शायरी सब बहाने हैंदिल पुकारता है तुम्हें,बेकरार होकर..

 

कोई चाहता है किसी को अपना बनाने  के लिए कोई चाहता है किसी को अपनी तन्हाई मिटाने के लिए हमें भी  किसी ने चाहा था सिर्फ अपना दिल बहलाने के लिए 

 

न चाँद की चाहत न तारों की फरमाईश तू मिले हर जनम बस इतनी सी मेरी ख्वाहिश 

 

इस भरी दुनिया में कोण किसका होता है धोखा देता है वही जिसपे भरोसा होता है 
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नहीं पसंद मोहबत में मिलाबट मुझे अगर वो मेरी है तो ख्वाब भी वो मेरे देखे 

 

तो उसकी तस्बीर बन गईसांसे तो रोक लूँ अपनी ये तो मेरे बस में है यादें कैसे रोकूं अपनी तू मेरी नस नस में है 

 

बिना सपनो के कोई सो पाया है क्या  महबूब की यादों के बिना कोई रह पाया है क्या तुम तो मेरी धड़कन मेरी सांसो में हो दिल भी कभी धड़कनो से जुड़ा हो पाया है क्या 

 

शिकायत नहीं जिंदगी से की तेरा साथ नहीं बस तुम खुश रहो अपनी तो कोई ओकात   नहीं 

 

बस इतनी सी ही कहानी थी…मेरी मोहब्‍बत की,मौसम की तरह तुम बदल गए,फसल की तरह हम बरबाद हो गये

 

हमें ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी, वही से शुरू होती है ज़िंदगी हमारी, नहीं सोचा था चाहेंगे तुम्हे इस कदर, पर अब तो बन गयी हो तुम किस्मत हमारी

 

भूलना चाहता हु मगर भूला  नहीं पता हु उसे  ये इशक भी किसी नशे की आदत से कम नहीं 

 

कभी किसी से जिक्र इ जुदाई मत करना इस दिल से कभी रुस्वाई मत करना जब दिल भर जाये तो मुझे बता देना न बता कर मुझसे मेरी जान बेवफाई मत करना 
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बरबाद करना था तो  किसी और तरीके से करतेजिंदगी बनकर जिंदगी ही छीन ली तुमने

 

तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी,वरना हमको कहाँ तुम से शिकायत होगी,ये तो बेवफा लोगों की दुनिया है,तुम अगर भूल भी जाओ तो रिवायत होगी।

 

जिंदगी से ज्यादा भरोसा था तुम पर मगर तुम तो जिंदगी से ज्यादा बेवफा निकले 

 

जाने क्यों उससे प्यार करता हु जाने क्यों उस पर जान निसार करता हु ये जानते हुए भी की इक दिन वो धोखा देगी फिर भी उसकी बातों पर ऐतवार करता हु 

 

इतना तो ज़िंदगी में, न किसी की खलल पड़े,हँसने से हो सुकून, न रोने से कल पड़े,मुद्दत के बाद उसने, जो की लुत्फ़ की निगाह,जी खुश तो हो गया, मगर आँसू निकल पड़े।

 

दूर जाने का तुझसे कोई इरादा न था तेरे सिवा किसी से कोई वादा न था निकाल देते दिल से तेरा ख्याल पर इस दिल में  बाहर जाने का दरवाज़ा न था 

 

किसी की याद दिल में आज भी है,वो भूल गए मगर हमें प्यार आज भी हैहम खुश रहने की कोशिश तो करते हैं मगरअकेले में आंसू बहते आज भी हैं …

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ये ज़िंदगी मुझसे यू दगा न कर मै उससे दूर रहू यह दुआ न कर कोई देखता है उसे तो होती है जलन यह हवा तू भी उससे छुआ न कर

 

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वक्त की नजाकत से तकदीर बदल जाती हैपलक झपकते ही तस्बीर बदल जाती हैकिसकी तक़दीर किसकी तस्बीर हैतस्बीर से ही किसी की तक़दीर बदल जाती है

 

ज़ख़्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें;हम खुद निशाना बन गए वार क्या करें;मर गए हम मगर खुली रही ये आँखें;अब इससे ज्यादा उनका इंतज़ार क्या करें

 

वक़्त मिले तो हमारी परवाह कर लेना, हर पल नही पर एक पल याद कर लेना, माना कि आपके रिश्ते होंगे हज़ार, पर एक पल हमारे लिए बर्बाद कर लेना
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न तो तेरे आने की ख़ुशी न तेरे जाने का गम गुजर गया वो जमाना जब तेरे दीवाने थे हम 

 

जाओ ढुंढ लोहमसे भी ज्‍यादा चाहनेवाला,मिलजाए तो खुश रहना,न मिले तो हम फिर भी तुम्‍हारे है

 

अब आंसुओं को आँखों में सजना होगा बुझ जाये चिराग तो दिल को जलाना होगा न समझना की तुझ से बिछड़ के खुश है हम अब तो दुनिया की खातिर मुस्कुराना होगा 

 

कमी नसीबों की रही    होगी जो तू मेरी न हुयी मैंने तो बहुत कोशिश की थी तुझे अपना बनाने की 

 

जिंदगी है सफर का सिल सिला कोई मिल गया कोई बिछड़ गया जिन्हे माँगा था दिन रात दुआओं में वो बिना मांगे किसी और को मिल गया 
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रोटी हुयी आँखों में इंतज़ार होता है न चाहते हुए भी किसी से प्यार होता है क्यों देखते है हम वो सपने जिनके टूटने का ऐतवार होता है 

आँखों में आ जाते है आंसू  फिर भी लबों पर हंसी रखनी पड़ती है ये मुहबत भी क्या चीज है यारों जो दुनिया से छुपानी पड़ती है 


कितने अजीब होते है ये मुहब्बत के रिवाज़ लोग आप से तुम तुम से जान और जान से अनजान बन जाते है 


किसी को क्या बताये कितने मजबूर है हम चाहा था जिसे दिल से उसी  से दूर है हम 

टूट कर बिखर गए पैमानों की तरह,वह हमे छोड़ गए बैगानो की तरह ||हम दुआ करते रहे उनकी सलामती की,वह हमे बददुआ दे गए बैगानो की तरह

तेरे शहर में आ कर बेनाम से हो गए,तेरी चाहत में अपनी मुस्कान ही खो गए,जो डूबे तेरी मोहब्बत में तो ऐसे डूबे,कि जैसे तेरी आशिक़ी के गुलाम ही हो गए।
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