Sad Shayari Hindi जिंदगी सैड शायरी ज़िन्दगी सैड शायरी,very sad shayari, sad shayariसैड शायरी इन हिंदी और भी बहुत सारी शायरी गुड मॉर्निंग वॉलपेर हमारी साइट से डाउनलोड करे और व्हाट्सप्प में शेयर करे
किसी की याद दिल में आज भी है,
वो भूल गए मगर हमें प्यार आज भी है
हम खुश रहने की कोशिश तो करते हैं मगर
अकेले में आंसू बहते आज भी हैं
बिना सपनो के कोई सो पाया है क्या
महबूब की यादों के बिना कोई रह पाया है क्या
तुम तो मेरी धड़कन मेरी सांसो में हो
दिल भी कभी धड़कनो से जुड़ा हो पाया है क्या
शिकायत नहीं जिंदगी से की तेरा साथ नहीं
बीएस तुम खुश रहो अपनी तो कोई ओकात नहीं
इतनी सी ही कहानी थी मेरी मोहब्बत की,
मौसम की तरह तुम बदल गए,
रेगिस्तान की तरह हम वीरान हो गये
भूलना चाहता हु मगर भूला नहीं पता हु उसे
ये इशक भी किसी नशे की आदत से कम नहीं
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कभी किसी से जिक्र इ जुदाई मत करना
इस दिल से कभी रुस्वाई मत करना
जब दिल भर जाये तो मुझे बता देना
न बता कर मुझसे मेरी जान बेवफाई मत करना
बरबाद करना था तो किसी और तरीके से करते
जिंदगी बनकर जिंदगी ही छीन ली तुमने
तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी,
वरना हमको कहाँ तुम से शिकायत होगी,
ये तो बेवफा लोगों की दुनिया है,
तुम अगर भूल भी जाओ तो रिवायत होगी
जिंदगी से ज्यादा भरोसा था तुम पर
मगर तुम तो जिंदगी से ज्यादा बेवफा निकले
जाने क्यों उससे प्यार करता हु
जाने क्यों उस पर जान निसार करता हु
ये जानते हुए भी की इक दिन वो धोखा देगी
फिर भी उसकी बातों पर ऐतवार करता हु
तुझे हक़ है अपनी दुनिया में खुश
रहने का लेकिन मेरा क्या है
मेरी दुनिया तो तुम ही हो.
न तो तेरे आने की ख़ुशी न तेरे जाने का गम
गुजर गया वो जमाना जब तेरे दीवाने थे हम
जाओ ढुंढ लो
हमसे भी ज्यादा चाहनेवाला,
मिलजाए तो खुश रहना,
न मिले तो हम फिर भी तुम्हारे है
अब आंसुओं को आँखों में सजाना होगा
बुझ जाये चिराग तो दिल को जलाना होगा
न समझना की तुझ से बिछड़ के खुश है हम
अब तो दुनिया की खातिर मुस्कुराना होगा
कमी नसीबों की रही होगी
जो तू मेरी न हुयी
मैंने तो बहुत कोशिश की थी
तुझे अपना बनाने की
जिंदगी है सफर का सिल सिला
कोई मिल गया कोई बिछड़ गया
जिन्हे माँगा था दिन रात दुआओं में
वो बिना मांगे किसी और को मिल गया
रोती हुयी आँखों में इंतज़ार होता है
न चाहते हुए भी किसी से प्यार होता है
क्यों देखते है हम वो सपने
जिनके टूटने का ऐतवार होता है
आँखों में आ जाते है आंसू फिर भी लबों पर हंसी रखनी पड़ती है
ये मुहबत भी क्या चीज है यारों जो दुनिया से छुपानी पड़ती है
कितने अजीब होते है ये मुहब्बत के रिवाज़
लोग आप से तुम तुम से जान
और जान से अनजान बन जाते है
किसी को क्या बताये कितने मजबूर है हम
चाहा था जिसे दिल से उसी से दूर है हम
टूट कर बिखर गए पैमानों की तरह,
वह हमे छोड़ गए अनजानों की तरह
हम दुआ करते रहे उनकी सलामती की
वह हमे बददुआ दे गए बेगानो की तरह
तेरे शहर में आ कर बेनाम से हो गए,
तेरी चाहत में अपनी मुस्कान ही खो गए,
जो डूबे तेरी मोहब्बत में तो ऐसे डूबे,
कि जैसे तेरी आशिक़ी के गुलाम ही हो गए
मुझ को ख़ुशियाँ न सही ग़म की कहानी दे दे,
जिस को मैं भूल न पाऊँ वो निशानी दे दे।
इतना तो ज़िंदगी में, न किसी की खलल पड़े,
हँसने से हो सुकून, न रोने से कल पड़े,
मुद्दत के बाद उसने, जो की लुत्फ़ की निगाह,
जी खुश तो हो गया, मगर आँसू निकल पड़े।
दूर जाने का तुझसे कोई इरादा न था
तेरे सिवा किसी से कोई वादा न था
निकाल देते दिल से तेरा ख्याल
पर इस दिल में बाहर जाने का दरवाज़ा न था
तेरी आँखों में सच्चाई की एक राह दिखाई देती है,
तू है मोहब्बत का दीवाना ऐसी चाह दिखाई देती है,
माना कि ठोकर खाई है जमाने में बेवफाओं से,
पर तू आशिक है तुझमें मोहब्बत की चाह दिखाई देती है।
ज़ख़्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें;
हम खुद निशाना बन गए वार क्या करें;
मर गए हम मगर खुली रही ये आँखें;
अब इससे ज्यादा उनका इंतज़ार क्या करें