आँखों की गुस्ताखिओं को आप समझ नहीं सकते ,
कैसे व्यान करे हम आपको इस दर्दे दिल का हाल की
तुम्ही हो जिसके बिना हम रह नहीं सकते
दुनिया की ना परवाह कीजिये,दिल जब भी पुकारे बुला लीजिये,
कहीं दूर नहीं हैं हम आपसे, जी बस अपनी पलकों को आँखों से मिला लीजिये।
लम्हे जुदाई के बेकरार करते हैं ..मेरे हालात ही मुझे लाचार करते हैं
कभी तो पढ़ लेती आँखें मेरी कैसे कहें के हम तुम्ही से प्यार करते हैं
बहुत सुकून मिलता है जब उनसे हमारी बात होती है,
जब निगाहें उठा कर देखते हैं वो मेरी तरफ,
तब वो ही पल मेरे लिए कयामत की रात होती है।
मुझे तो न कोई आसमां चाहिये,
मुझे तो न कोई जहान चाहिये,
तू तो सितारों की एक महफ़िल है,
बस उस महफ़िल की हर रात चाहिए